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रांची (जनादेश ब्यूरो): हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने आज गुरुवार को उन्होंने एक बार फिर राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली। बुधवार को इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हेमंत सोरेन हाल ही में जमानत पर रिहा हुए हैं। 31 जनवरी को केंद्रीय जांच एजेंसी की तरफ से गिरफ्तार किये जाने के बाद हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बनाए गये थे।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने दिलायी शपथ

झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राजभवन में हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। झामुमो ने इससे पहले दिन में बताया था कि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने हेमंत सोरेन को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है और वह सात जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। झामुमो नीत गठबंधन ने बाद में फैसला किया कि सोरेन आज (बृहस्पतिवार) ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

चंपई सोरेन ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और धनशोधन के एक मामले में जमानत पर रिहा हुए हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। यूं तो राज्य की राजनीति में हलचल की सुगबुगाहट बुधवार दोपहर से ही तेज हो गई थी। लेकिन बीती रात मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के इस्तीफे के साथ ही यह तय हो गया था कि हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) गठबंधन के विधायक दल के नये नेता होंगे।

राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद चंपई सोरेन ने कहा, बैठक में हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया है। इसे लेकर सभी विधायकों ने सहमति जताई है। जब नेतृत्व परिवर्तन हुआ था, तो मुझे चुना गया। राजनीतिक घटनाक्रम क्या है, ये आप सब जानते हैं। हमारे गठबंधन में हम सभी ने फिर से निर्णय लिया है कि हेमंत सोरेन हमारे नेता होंगे। मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा, "हमने अपने गठबंधन के निर्णय के अनुसार काम किया है।"

चंपई सोरेन के आवास पर हुई थी बैठक

इससे पहले चंपई सोरेने के आवास पर विधायकों की बैठक हुई। बैठक में तय किया गया है कि हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दल के नेता होंगे। पार्टी से जुड़े सूत्र ने बताया, ‘बैठक में तय किया गया है कि हेमंत सोरेन को फिर से झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।’ बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के अलावा हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेत और पत्नी कल्पना सोरेन भी शामिल थे।

28 जून को जेल से रिहा हुए थे हेमंत सोरेन

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 28 जून को करीब पांच महीने बाद जेल से रिहा किया गया था। जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में अदालत से जमानत मिलने बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया। हेमंत ने 31 जनवरी को गिरफ्तार होने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था।

वरिष्ठ आदिवासी नेता को पद से हटाना दुखद: हिमंत बिस्व सरमा

उधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने चंपई सोरेन के इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा ‘झामुमो और कांग्रेस द्वारा झारखंड में एक वरिष्ठ आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री पद से हटाना बेहद दुखद है। मुझे यकीन है कि झारखंड के लोग इस कार्रवाई का विरोध करेंगे।’

निशिकांत दुबे ने भी साधा निशाना

उधर भारतीय जनता पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘झारखंड में चंपई सोरेन युग समाप्त हो रहा है। परिवार पर केंद्रित पार्टी में बाहर के लोगों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि चंपई सोरेन भगवान बिरसा मुंडा से प्रेरणा लेंगे और हेमंत के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे।’

झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का कहना है कि शिबू सोरेन के परिवार से बाहर के आदिवासी लोग जेएमएम के अस्थाई सदस्य हैं। यह परिवार जरूरत पड़ने पर ही बाहरी लोगों का इस्तेमाल करता है।

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