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मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में बीएसए इंजीनियरिंग कॉलेज के पास कृष्ण विहार कॉलोनी के पार्क में स्थित 2.5 लाख लीटर की क्षमता की पानी की टंकी रविवार शाम 6 बजे करीब भरभराकर गिर गई। हादसे में दो महिलाओं की मौत हुई है, 13 लोग घायल है। मलबे में अन्य कई लोगों के दबे होने की संभावना है। देर रात तक घटनास्थल पर रेस्क्यू कार्य जारी रहा।

दो साल पहले गंगाजल परियोजना के तहत बनी इस टंकी में लीकेज के कारण पिलर कमजोर होने से इसके गिरने की बात सामने आई है। डीएम-एसएसपी मौके पर पहुंचे। सीएम ने इस घटना की रिपोर्ट तलब की है। डीएम ने बताया कि आदेश की उच्चस्तरीय कमेटी जांच करेगी। जिम्मेदारों पर मुकदमा व कड़ी कार्रवाई होगी।

मथुरा पुनर्गठन पेयजल योजना थ्रू गोकुल बैराज (गंगाजल प्रोजेक्ट) के तहत कृष्ण विहार पार्क में 2.5 लाख लीटर की पानी की टंकी के निर्माण का ठेका जल निगम की अतिरिक्त निर्माण ईकाई ने आगरा की एसएम कंस्ट्रक्शन फर्म को दिया था।

2018 में इसका निर्माण शुरू हुआ। करीब छह करोड़ की लागत से 2021 में यह बनी थी। शाम छह बजे करीब मथुरा शहर में हल्की बूंदाबंदी हो रही थी। कृष्ण विहार कॉलोनी में कुछ लोग अपने घरों के अंदर व कुछ बाहर थे। तभी पानी की टंकी भरभराकर गिर गई। इसके मलबे की चपेट में आने से यहां रहने वाली 65 वर्षीय सुंदरी पत्नी गोविंद और 27 वर्षीय सरिता पत्नी दिनेश गंभीर घायल हो गईं। जिला अस्पताल में उन्होंने एक घंटे बाद दम तोड़ दिया। वहीं, 10 से अधिक लोग घायल हो गए।

सूचना पर डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह, एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय, एसपी सिटी डा. अरविंद कुमार व पुलिस, प्रशासन का अमला रेस्क्यू टीम के साथ मौके पर पहुंचा। देर शाम को एनडीआरएफ की एक टीम, आर्मी के 12 जवान भी रेस्क्यू कार्य में लगाए गए। सात जेसीबी, 10 ट्रैक्टर व अन्य संसाधनों के जरिये देर रात तक मलबा हटाने का कार्य जारी रहा।

मथुरा के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि शासन को घटना की रिपोर्ट भेज दी है। अभी दो की मौत की पुष्टि हुई है। मलबा हटने के बाद अन्य स्थिति स्पष्ट होगी। जिम्मेदारों पर मुकदमा व कड़ी कार्रवाई होगी। घटना की जांच उच्चस्तरीय कमेटी करेगी।

मांट विधायक राजेश चौधरी ने कहा कि घनी आबादी में इतनी विशालकाय टंकी बनाने का विरोध किया था। क्षेत्र के लोगों ने धरना भी दिया था। अधिकारियों ने अपनी मनमानी की। इसके निर्माण में भ्रष्टाचार की बू आ रही है। सीएम योगी को पत्राचार किया गया है। कार्रवाई कराकर ही दम लेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में हुई थी रिट दाखिल

कृष्ण विहार में रहने वाले कमल शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस टंकी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिट दाखिल की थी। उसमें शिकायत थी कि घनी आबादी के बीच इस टैंक को बनाया गया है। इसके निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने रिट को सुना। अधिकारियों को कार्रवाई को कहा था। इसके बाद भी अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की। पूर्व पार्षद राजेश सिंह पिंटू और हेमंत अग्रवाल ने बताया कि जल निगम ने करीब एक साल पहले इस ओवरहेड टैंक को अपने हैंडओवर लिया था।

इस टैंक से पानी की सप्लाई भी ठीक से शुरू नहीं हुई है कि यह लीकेज करने लग गया। लीकेज के चलते टैंक के पिलर कमजोर हो रहे थे। आसपास घनी आबादी है। यह कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकती है। इसको लेकर कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई। इसके बाद भी अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की और यह हादसा हो गया।

ये लोग हुए घायल

50 वर्षीय महावीर पुत्र मावशीराम निवासी मुरैना

35 वर्षीय नवाब सिंह निवासी जगनेर, आगरा

34 वर्षीय वीपेंद्र पुत्र मोहर सिंह निवासी बाजना, मथुरा

45 वर्षीय सरस्वती पत्नी स्वः गोपाल निवासी कृष्ण विहार

6 वर्षीय प्रिंस पुत्र संजय गोस्वामी निवासी कृष्ण विहार

84 वर्षीय गौरी शंकर निवासी कृष्ण विहार

52 वर्षीय बेबी गोस्वामी पत्नी रामू पंडित निवासी कृष्ण विहार

66 वर्षीय रमेश चंद्र निवासी कृष्ण विहार

22 वर्षीय निकुंजा पुत्री मुकेश कुमार निवासी कृष्ण विहार

65 वर्षीय कमलेश पत्नी रमेश चंद निवासी कृष्ण विहार

 

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