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मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार के नए कैंपेन 'सौगात-ए-मोदी' पर निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी को अब आधिकारिक तौर पर इस बात की घोषणा कर देनी चाहिए की उसने हिंदुत्व को त्याग दिया है। वे (बीजेपी) उन लोगों को 'सौगात-ए-सत्ता' बांट रहे हैं, जिनके घर बुलडोजर से ध्वस्त कर दिए गए और कई लोग सांप्रदायिक दंगों में मारे गए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि होली में मुसलमानों पर तंज कसने वाले अब चुनाव के समय पूरन पोली बांटते नजर आ रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या यह सौगात सिर्फ बिहार चुनाव तक ही सीमित है या आगे भी जारी रहेगी?

उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, यह 'सौगात-ए-सत्ता' सिर्फ बिहार विधानसभा चुनाव के लिए है। बीजेपी सत्ता जिहाद पर उतर गई है। वे (बीजेपी) चिल्ला रहे थे कि उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व छोड़ दिया। अब इन लोगों ने 'सौगात-ए-मोदी' शुरू कर दिया है। 32 हजार कार्यकर्ता इसे बांटने में लगे हैं। यह ‘सौगात-ए-सत्ता’ है, जो कहते थे बंटेंगे तो कटेंगे, वो अब इसे बांट रहे हैं। अब देखते हैं कि यग टोपी पहनकर कैसे यह सौगात बांटते फिरते हैं।

मुंबई: स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच चल रही तकरार में उद्धव ठाकरे गुट ने अपना पक्ष चुन लिया है। शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने कुणाल कामरा का समर्थन करते हुए कहा है, 'हमारा डीएनए एक जैसा है।'

संजय राउत ने कुणाल कामरा के एक्स पोस्ट को री-पोस्ट कर कैप्शन में लिखा, "ये तो अपून जैसा निकला। ये भी झुकेगा नही साला!! जय महाराष्ट्र!"

शिवसेना कार्यकर्ताओं ने की थी तोड़फोड़

दरअसल, रविवार (23 मार्च) को स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कॉमेडी शो का एक पार्ट जारी किया। इस शो में कुणाल कामरा ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उनपर तंज कसा था, जिससे शिवसैनिक नाराज हो गए थे। बवाल इतना बढ़ गया कि जिस हैबिटैट स्टूडियो में कुणाल कामरा का शो हुआ था, शिवसेना कार्यकर्ताओं ने वहां तोड़-फोड़ मचा दी। इसके बाद खुद एकनाथ शिंदे का भी बयान आया था। उन्होंने कहा था कि मजाक समझा जा सकता है, लेकिन हर मजाक की एक सीमा होती है।

मुंबई: महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की ओर की गई टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हम व्यंग्य समझते हैं, लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह कुणाल कामरा की टिप्पणी का विरोध करने के लिए मुंबई के एक स्टूडियो में पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से की गई तोड़फोड़ का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है।

बता दें कि कुणाल कामरा ने एकनाथ शिंदे पर की गई अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे किसी भी कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस और अदालतों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं। वहीं 'बीबीसी' को दिए गए एक इंटरव्यू में एकनाथ शिंदे ने कहा कि कुणाल कामरा ने केवल उनके बारे में ही नहीं, बल्कि कई बड़े नेताओं के बारे में अपशब्द और व्यंग्यात्मक टिप्पणियां की हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, हम व्यंग्य को समझते हैं, लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए। यह सब किसी के खिलाफ बोलने के लिए ‘सुपारी’ लेने जैसा है।"

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने नागपुर हिंसा मामले में दो आरोपियों के घरों को गिराने की प्रशासनिक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में प्रशासन के रवैये को मनमाना और दमनकारी बताते हुए कड़ी फटकार भी लगाई। बता दें कि, नागपुर में हुई हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने आरोपियों के घरों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की थी, जिसे लेकर अदालत में चुनौती दी गई थी। इस मामले की अगली सुनवाई जल्द होने की संभावना है।

आदेश से पहले ही तोड़ा गया फहीम का घर

हालांकि, कोर्ट का आदेश आने से पहले ही फहीम खान के दो मंजिला घर को तोड़ा जा चुका था। वहीं, कोर्ट के आदेश के बाद यूसुफ शेख के घर के अवैध हिस्से को तोड़ने की कार्रवाई रोक दी गई।

वहीं फहीम खान और यूसुफ शेख ने अपने घरों की तोड़फोड़ के खिलाफ हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इस पर जस्टिस नितिन साम्बरे और वृषाली जोशी की बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने सवाल किया कि बिना सुनवाई के घरों को कैसे तोड़ा गया?

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