नई दिल्ली: राज्यसभा में मंगलवार को जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच उस समय कुछ देर के लिए वाकयुद्ध छिड़ गया जब सभापति ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि वरिष्ठ सदस्य जयराम रमेश को विपक्ष के नेता का स्थान ग्रहण कर लेना चाहिए।
राज्यसभा में मंगलवार, 2 जुलाई को सभापति जगदीप धनखड़ ने जयराम रमेश पर व्यंग्य करने की कोशिश की, लेकिन तीर कहीं और लग गया। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पलटवार किया कि सभापति वर्ण व्यवस्था वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।
जयराम रमेश को तुरंत खड़गे जी जगह लेनी चाहिए: सभापति
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी भाषण दे रहे थे। सभापति धनखड़ ने कहा कि तथ्य की पुष्टि की जाए। इस पर कांग्रेस के जयराम रमेश उठे और कहा कि वो इसे प्रमाणित करेंगे। तब धनखड़ ने कहा, वरिष्ठ नेतृत्व यहां है। मुझे लगता है कि आपको (रमेश)... आप इतने बुद्धिमान हैं, इतने प्रतिभाशाली हैं कि आपको तुरंत आकर खड़गे की जगह ले लेनी चाहिए, क्योंकि कुल मिलाकर आप उन्हीं का काम कर रहे हैं।
इस पर कांग्रेस अध्यक्ष ने आपत्ति जताई। कहा, आप बंटवारा मत कीजिए। वर्ण व्यवस्था को बीच में मत लाइए। आपके दिमाग़ में अभी तक है, इसलिए आप रमेश को बुद्धिमान कह रहे हैं... और मुझे मूर्ख।
इस पर तालियां बजीं। जयराम रमेश, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के नेता हंसे। सभापति ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख उनकी बात ठीक से समझे नहीं और उन्होंने उनकी टिप्पणी ‘तोड़-मरोड़कर’ पेश की।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, “मैं जो कुछ भी हूं, सोनिया गांधी की वजह से हूं। देश की जनता की वजह से हूं… और, ये अधिकार केवल उन्हीं के पास है। न धनखड़ के पास है, न जयराम रमेश के।”
इसी के बाद धनखड़ ने कहा कि खड़गे ने पीठ का अनादर किया है। बोले, आप हर बार कुर्सी को नीचा नहीं दिखा सकते। आप हर बार कुर्सी का अनादर नहीं कर सकते। आप अचानक खड़े हो जाते हैं और बिना ये समझे कि मैं क्या कह रहा हूं, कुछ भी बोल देते हैं। इस देश और संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में कभी भी कुर्सी के प्रति इतनी अवहेलना नहीं हुई, जितनी कि आप लोगों ने की… आपकी गरिमा पर कितनी बार हमला किया गया है। मैंने हमेशा आपकी गरिमा की रक्षा करने की कोशिश की है।
इस वाकयुद्ध के बाद प्रमोद तिवारी ने अपना भाषण जारी किया।