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मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भ्रष्टाचार की शिकायत पर सीबीआई की कार्रवाई देखने को मिली है। बता दें कि दो पासपोर्ट सेवा केंद्र में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद सीबीआई की तरफ से महाराष्ट्र में 33 जगहों पर बड़े स्तर पर छापेमारी की गई है। सीबीआई की छापेमारी में मुंबई और नासिक जिले में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान में कई डिजिटल उपकरण, दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई।

अधिकारियों के मुताबिक सीबीआई ने लोअर परेल और मलाड में पासपोर्ट सेवा केंद्र के बिचौलियों और अधिकारियों से जुड़े एक भ्रष्टाचार रैकेट का पर्दाफाश किया है। सीबीआई ने अपनी 12 एफआईआर में 18 एजेंटों और बिचौलियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। ये अधिकारी पासपोर्ट सुविधा एजेंटों के साथ नियमित संपर्क में थे।

बिना दस्तावेज या हेराफेरी करके बनाते थे पासपोर्ट

जानकारी के मुताबिक पासपोर्ट सेवा केंद्र के सभी एजेंट और बिचौलियों अपर्याप्त या अधूरे दस्तावेज के आधार पर या पासपोर्ट आवेदकों के व्यक्तिगत विवरण में हेराफेरी करके पासपोर्ट जारी करने के बदले में अनुचित लाभ प्राप्त करते थे।

इस मामले में 26 जून को विदेश मंत्रालय के सतर्कता विभाग के साथ पासपोर्ट सेवा केंद्र में संयुक्त औचक निरीक्षण के दौरान इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। इस दौरान मोबाइल फोन, सोशल मीडिया चैट और यूपीआई भुगतान के विश्लेषण से कई लाख रुपये के संदिग्ध लेनदेन सामने आए हैं।

विदेश मंत्रालय से मंजूरी के बाद सीबीआई की रेड

अधिकारियों ने बताया कि आरोपी अधिकारी पासपोर्ट सेवा केंद्र में जूनियर और सीनियर पासपोर्ट सहायकों के पद पर हैं। ये कई पासपोर्ट सुविधा एजेंटों और दलालों के साथ मिलीभगत करके काम कर रहे थे और अपने या अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में अवैध रूप से पैसे ले रहे थे। वहीं विदेश मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई ने अधिकारियों और बिचौलियों के खिलाफ 12 एफआईआर दर्ज की।

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