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नई दिल्ली: उमर खालिद समेत जेएनयू के पांच छात्र आज {रविवार) परिसर में दिखाई पड़े। उन छात्रों ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया बल्कि ‘डॉक्टर्ड वीडियो’ का इस्तेमाल कर उन्हें फंसाया गया। पुलिस ने उनके बारे में सूचना मिलने के बाद एक टीम को वहां के लिए रवाना कर दिया लेकिन छात्रों ने कहा, ‘वे आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, बल्कि पुलिस आकर उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।’ ये पांच छात्र हैं उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य, रामा नागा, आशुतोष कुमार और अनंत प्रकाश जो राजद्रोह के मामले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की 12 फरवरी को गिरफ्तारी के बाद से लापता हो गए थे। आशुतोष के अनुसार, ‘वे जांच में मदद के मद्देनजर वापस आए हैं। छात्रों और दुनियाभर से हमें जो अपार समर्थन मिला है उसने हमें ताकत दी है। मैं, रामा, अनिर्बन और अनंत आस-पास ही थे लेकिन भीड़ के पीट-पीटकर मारने पर उतारू होने के माहौल की वजह से हम सामने नहीं आए।’ हालांकि, उन्होंने कहा कि वे चारों उमर खालिद के संपर्क में नहीं थे और उससे उनकी कार्यक्रम के दिन नौ फरवरी को बातचीत हुई थी।

नई दिल्ली: जेएनयू से संबद्ध रहे जाट समुदाय के शहीद कैप्टन पवन कुमार का मानना था कि देश के लिए प्यार होना ज्यादा महत्वपूर्ण बात है न कि कैंपस में ‘आजादी’ की मांग करना या उनके जाट समुदाय द्वारा हरियाणा में ‘आरक्षण’ की मांग करना। विशेष बल में अधिकारी 23 वर्षीय कुमार ने शनिवार को अपने आखिरी फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘किसी को आरक्षण चाहिए तो किसी को आजादी भाई। हमें कुछ नहीं चाहिए भाई, बस अपनी रजाई।’ जम्मू-कश्मीर के पंपोर में आज आतंकियों के खिलाफ मुठभेड़ के दौरान कुमार शहीद हो गए। कुमार तीन साल पहले ही पैरा कमांडो के तौर पर सेना में भर्ती हुए थे। जेएनयू और एनडीए के बीच एक सहमति कार्यक्रम के तहत उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से स्नातक किया था। उन्होंने इस विश्वविद्यालय से भी डिग्री प्राप्त की थी। आज एक सात मंजिली इमारत में मुठभेड़ के दौरान 10 पैरा स्पेशल फोर्सेज के अधिकारी कुमार ने अपने पूरे दल का नेतृत्व किया था। इस इमारत को कम से कम तीन आतंकियों ने अपने कब्जे में लिया हुआ था। सेना ने उसे एक ‘प्रेरणादायी नेतृत्वकर्ता’ बताया है।

नई दिल्ली: आंदोलनरत जाटों की ओर से जारी हिंसा को देखते हुए हरियाणा में अर्ध सैनिक बल के अतिरिक्त 1,700 जवान भेजे गए हैं। इसी के साथ हिंसाग्रस्त राज्य में कुल 5,000 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस कर्मियों की तैनात हो गई है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ हमने अर्धसैनिक कर्मियों की 17 और कंपनियां भेजी हैं जो पिछले तीन दिनों में भेजी गई 33 कंपनियों के अलावा हैं।’’ अर्धसैनिक बल की एक कंपनी में 100 जवान होते हैं। हरियाणा सरकार के आग्रह के बाद अतिरिक्त बल भेजे गये हैं जो आरक्षण को लेकर जाट आंदोलन से भड़की हिंसा की स्थिति से जूझ रही है। शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर से फोन पर बातचीत में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें स्थिति से निपटने के लिए सभी तरह की सहायता देने का आश्वासन दिया था।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर चल रहा आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह हिंसक आंदोलन प्रदेश के लगभग सभी इलाकों में फैल गया है। जाट नेताओं ने ओबीसी कोटे के तहत जाटों को आरक्षण देने के लिए अध्यादेश लाए जाने तक आंदोलन खत्म करने से इनकार किया है। जाट आंदोलन के दौरान अभी तक 10 लोगों की मौत हुई है और करीब 150 लोग जख्मी हुए हैं। यह जानकारी आज (रविवार) हरियाणा के डीजीपी यशपाल सिंघल ने चंडीगढ़ में दी। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता दिल्ली के लिए जल आपूर्ति को बहाल करवाना और सड़क एवं रेल मार्ग को शुरू करवाना है। उन्होंने कहा,हमारे पास उपलब्ध अब तक की सूचना के मुताबिक पूरे राज्य में दस लोगों की मौत हुई है और करीब 150 जख्मी हुए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक झज्जर में गोलीबारी में कल जख्मी हुए चार लोगों की देर रात मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या 10 हो गई है। मारे गए दस लोग झज्जर, रोहतक और कैथल जिले के हैं। डीजीपी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता हरियाणा से दिल्ली को पानी की आपूर्ति बहाल करना है जो जाट आंदोलन के कारण प्रभावित हुआ है।

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