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आतिशी ने ली दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ, पांच विधायक बने मंत्री

नई दिल्ली: कैलिफोर्निया और येल यूनिवर्सिटी समेत अनेक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के छात्र और शिक्षक देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किये गये जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के समर्थन में आ गये हैं और उसके देशद्रोही भाषण को अंग्रेजी में पेश कर रहे हैं एवं अपने वीडियो को ऑनलाइन अपलोड कर रहे हैं। लंदन विश्वविद्यालय के एलेनोर न्यूबिगिन ने एक वीडियो में कहा, मैं कभी जेएनयू का छात्र नहीं रहा हूं लेकिन मैंने विश्वविद्यालय के छात्रों से बात की है। मैं कन्हैया के देशद्रोही भाषण के एक अंश पेश कर रहा हूं। कन्हैया के भाषण का उल्लेख करते हुए न्यूबिगिन ने वीडियो में कहा है, कुछ लोग कह रहे हैं कि जेएनयू करदाताओं के रूपयों से चलता है। हां, ऐसा है। लेकिन मैं एक सवाल उठाना चाहता हूं, विश्वविद्यालय किस लिए हैं? विश्वविद्यालय समाज के सामूहिक विवेक के गहन विश्लेषण के लिए हैं।

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को निर्देश दिया कि नेशनल हेराल्ड मामले में वित्त, शहरी विकास और कंपनी मामलों के मंत्रालयों, आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों से मंगाए गये दस्तावेजों को अगले आदेश तक सीलबंद लिफाफे में बंद रखा जाए। यह निर्देश तब दिया गया जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी और मामले के अन्य आरोपियों ने अदालत से कहा कि सुब्रह्मण्यन स्वामी को पहले उन दस्तावेजों की प्रासंगिकता के बारे में उन्हें संतुष्ट करना चाहिए जो मांगे गए हैं क्योंकि बीजेपी नेता ने कहा है कि वह अदालत को इसके बारे में बताएंगे। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन ने ध्यान दिलाया कि चूंकि मामला दिल्ली हाई कोर्ट के संज्ञान में आ चुका है इसलिये यह उपयुक्त होगा कि अदालत के समक्ष पेश दस्तावेज की फोटो प्रतियां सीलबंद लिफाफे में रखी जाएं।

नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने शनिवार को जेएनयू विवाद को लेकर एकजुटता दिखाई, लेकिन आवश्यक विधेयकों को पारित करने के मामले में सशर्त समर्थन देने की पेशकश की। यह पेशकश राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी द्वारा अगले हफ्ते से शुरू हो रहे बजट सत्र में सुचारू ढंग से कामकाज सुनिश्चित करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में की गई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने संक्षिप्त हस्तक्षेप करते हुए उम्मीद जताई कि 23 फरवरी से शुरू होने वाला और तीन माह तक चलने वाला सत्र बहुत सकारात्मक एवं रचनात्मक होगा। बहरहाल, इस बात के पर्याप्त संकेत हैं कि 16 मार्च को खत्म होने वाले सत्र के पहले भाग में जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को लिए जाने की संभावना कम है। जेएनयू विवाद को कई विपक्षी नेताओं ने उठाया तथा सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया कि सत्र के पहले ही दिन इस मुद्दे पर चर्चा की तारीख तय होने की पूरी संभावना है।

नई दिल्ली: अरूणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने अपनी सरकार की बर्खास्तगी के लिए आज (शनिवार) आरएसएस और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि उनका उद्देश्य पूर्वोत्तर की सभी कांग्रेसी सरकारों को गिराना है। अरुणाचल प्रदेश में तुकी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को 26 जनवरी को तब राष्ट्रपति शासन लगाकर बर्खास्त कर दिया गया था जब पार्टी के 21 विधायकों ने उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया था। तुकी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्यपाल जेपी राजखोवा और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित लोकप्रिय सरकार को सत्ता से हटाने के लिए कार्य किया। उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पूरे असंतोष का वित्तपोषण एवं नियंत्रण आरएसएस और भाजपा द्वारा किया गया। वे पूर्वोत्तर में सभी कांग्रेसी सरकार को सत्ता से हटाना चाहते हैं। आरएसएस और भाजपा कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों के कंधे पर बंदूक रखकर गोली चला रहे हैं।’ तुकी का यह बयान कांग्रेस बागियों के नेता कलिखो पुल को राष्ट्रपति शासन हटने के बाद मुख्यमंत्री की शपथ दिलाये जाने के एक दिन बाद आया है।

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