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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने खासकर पत्रकारों और नेताओं के लिए तथ्य जानने की महत्ता पर बल देते हुए गुरुवार को कहा कि लोग अनिश्चितकाल तक इस सोच के साथ नहीं रह सकते कि उन्हें अधिकतर चीजों के बारे में जानकारी है। उन्होंने ‘इंडिया-2016’ के विमोचन के अवसर पर यह बात कही। ‘इंडिया-2016’ एक पुस्तक है जिससें सरकार की उपलब्धियों, उसकी नीतियों, कार्यक्रमों और विकास संबंधी अन्य पक्षों की विस्तृत जानकारी दी गई है। जेटली ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि ‘इंडिया-2016’ में जो जानकारी हैं, उसे देखते हुए हर किसी को, विशेषकर पत्रकारों और राजनेताओं को यह किताब अवश्य पढनी चाहिए। यह बहुत जरूरी है। क्योंकि हम कई तथ्यों से अनभिज्ञ हैं जिनका जिक्र इसमें किया गया है। हम अनिश्चितकाल तक इस सोच के साथ नहीं रह सकते कि हमें अधिकतर चीजों के बारे में पता है क्योंकि एक बार किताब पढने के बाद आपको एहसास होगा कि हम कितना कुछ नहीं जानते।’’

वित्त मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कार्यभाल संभाल रहे जेटली ने कहा कि यह पुस्तक सांसदों के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी बहुत उपयोगी होगी। जेटली ने हिंदी और अंग्रेजी में इंडिया 2016 का ई-संस्करण भी जारी किया। उन्होंने कहा कि ई-संस्करण हार्ड कॉपी से सस्ता होगा और इससे कागज की बचत में मदद मिलेगी। इंडिया 2016 का ई-संस्करण ई-कॉमर्स मंचों पर भी उपलब्ध होगा। जेटली ने कहा कि कुछ समय पहले गांधी जी की संग्रहित कृतियों का डिजिटलीकृत संस्करण भी जारी किया गया था। मंत्री ने कहा कि इस प्रकाशनों की बिक्री से मिला धन भारत की संचित निधि में जाएगा।

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