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नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट में सोमवार और बुधवार को पत्रकारों और छात्रों के साथ मारपीट को लेकर आज (गुरूवार) सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कन्हैया की पेशी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट इस मामले में कानून व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं। वहीं, कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले में वकीलों को बेवजह बयानबाजी से बचना चाहिए। कोर्ट में एक वकील आरपी लूथरा ने कहा कि कन्हैया के मामले में पुलिस पर दबाव बना दिया गया है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर पुलिस कमिशनर कैसे कह सकते हैं कि पुलिस जमानत याचिका का विरोध नहीं करेगी जबकि अभी तक पटियाला कोर्ट में कोई जमानत याचिका भी दाखिल नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि ये कन्हैया का समर्थन करने वालों का दबाव है। इसे बंद किया जाना चाहिए। कोर्ट इस मामले की दोपहर दो बजे सुनवाई करेगी।

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार और कोर्ट का पैनल अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगा। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने उस समय उठाया था जब पटियाला हाउस कोर्ट में वकीलों ने बुधवार को भी मारपीट की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने छह वरिष्ठ वकीलों का एक पैनल पटियाला हाउस कोर्ट भेजा था, जो आज दोपहर 2 बजे अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देगा। पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया कुमार की पेशी के वक्त जो कुछ हुआ इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में गहरी नाराजगी दिखी। अदालत ने इसे लेकर एक पैनल भी अदालत में भेजा। पैनल की बात सुनने के बाद दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या वह दिल्ली की सुरक्षा करने में समर्थ हैं? पटियाला हाउस कोर्ट ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया, लेकिन उसकी पेशी से पहले अदालत में कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की धज्जियां उड़ती दिखीं और दो दिन पहले इसी अदालत में लोगों को पीटने वाले तिरंगा लिए नज़र आए।

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