नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के एक प्रतिनिधि मंडल ने जेएनयू विवाद पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस मुलाकात में राहुल ने जेएनयू विवाद और देश के विभिन्न हिस्सों में कथित तौर पर छात्रों को निशाना बनाये जाने के मुद्दे को उठाया। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश भर में छात्रों की आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रही है। राहुल ने कहा 'देशप्रेम मेरे खून में है। मेरे परिवार ने इस देश के लिए बार बार कुर्बानी दी है। अगर किसी ने इस देश के खिलाफ कुछ बोला है तो उसे कानून के मुताबिक सज़ा मिलनी चाहिए।' लेकिन इसके साथ ही राहुल ने यह भी कहा कि 'सरकार का काम संस्थानों को बंद करना या खत्म करना नहीं है।' आरएसएस पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि पूरे देश पर एक तरह की विचारधारा को थोपने की कोशिश की जा रही है।
जो भी सरकार के खिलाफ बोलता है उसे कुचल दिया जाता है। रोहित वेमुला के साथ भी यही हुआ, उसने अपनी बात रखी तो उसे दबा दिया गया। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि छात्रों के सपने और विश्वास से ही यह देश आगे बढ़ सकता है, फल फूल सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। पत्रकारों को सरेआम दबाया जा रहा है, इससे बाहर भी हमारे देश की छवि पर एक धब्बा लग रहा है। गौरतलब है कि बुधवार को कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी को तत्काल हटाने की मांग की थी। पटियाला हाउस अदालत में हुए हमलों की निंदा करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में ‘जंगल राज’ आ गया है। अदालत परिसर में वकीलों ने जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार और कुछ पत्रकारों पर हमला किया था। उच्चतम न्यायालय के पटियाला हाउस अदालत में सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देशों के बावजूद दिल्ली पुलिस कुमार पर हमला रोकने में असफल रही।