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नई दिल्ली: कैलिफोर्निया और येल यूनिवर्सिटी समेत अनेक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के छात्र और शिक्षक देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किये गये जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के समर्थन में आ गये हैं और उसके देशद्रोही भाषण को अंग्रेजी में पेश कर रहे हैं एवं अपने वीडियो को ऑनलाइन अपलोड कर रहे हैं। लंदन विश्वविद्यालय के एलेनोर न्यूबिगिन ने एक वीडियो में कहा, मैं कभी जेएनयू का छात्र नहीं रहा हूं लेकिन मैंने विश्वविद्यालय के छात्रों से बात की है। मैं कन्हैया के देशद्रोही भाषण के एक अंश पेश कर रहा हूं। कन्हैया के भाषण का उल्लेख करते हुए न्यूबिगिन ने वीडियो में कहा है, कुछ लोग कह रहे हैं कि जेएनयू करदाताओं के रूपयों से चलता है। हां, ऐसा है। लेकिन मैं एक सवाल उठाना चाहता हूं, विश्वविद्यालय किस लिए हैं? विश्वविद्यालय समाज के सामूहिक विवेक के गहन विश्लेषण के लिए हैं।

गहन विश्लेषण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। अगर विश्वविद्यालय ऐसा करने में विफल रहते हैं तो कोई देश नहीं रहेगा। अगर लोग देश के हिस्सा नहीं रहेंगे तो यह अमीरों के लिए शोषण और लूटपाट के स्थान के रूप में परिवर्तित हो जाएगा। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्केले की डोरा जांग और डैमन यंग ने एक संयुक्त वीडियो में कहा, हम लोग आरएसएस के न्याय की परिभाषा को चुनौती देते हैं। हम लोग कहना चाहते हैं कि न्याय के बारे में आपके विचार का हमारे विचार में कोई स्थान नहीं है। हम लोग उस दिन आजादी और न्याय में भरोसा करेंगे जिस दिन हर आदमी आजादी के साथ अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करने लगेगा। येल विश्वविद्यालय की ग्रेटा लाफ्लेयूर ने कहा कि अगर कन्हैया का भाषण देशद्रोही है तो जो लोग भी उसे पेश कर रहे हैं उनको सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, हम लोगों को बुलाइये और बहस कीजिये। हम लोग उन्मादी नारों के बारे में सवाल खड़े करना चाहते हैं जिसके अनुसार वे लोग खून से तिलक और गोली से आरती करेंगे। वे किसका खून बहाना चाहते हैं। कोलंबिया, येल, हार्वर्ड और कैंब्रिज के 400 से ज्यादा शिक्षाविद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों के समर्थन में आ गये हैं जो परिसर में एक कार्यक्रम के बाद आंदोलनरत हैं।कन्हैया कुमार को 12 फरवरी को देशद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया था।

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