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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (शनिवार) अपने नेपाली समकक्ष के पी शर्मा ओली के साथ विस्तृत बातचीत के बाद कहा कि नेपाल के नये संविधान की सफलता ‘‘आम सहमति एवं बातचीत’’ पर निर्भर करेगी और भारत अपने पड़ोसी देश में शांति, स्थिरता एवं सर्वांगीण विकास चाहता है। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं खासकर नेपाल के राजनीतिक हालात पर विचार विमर्श किया जिसके बाद ओली ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से बनी हुईं ‘‘गलतफहमियां अब खत्म हो गयी’’ हैं। दोनों पक्षों ने परिवहन और उर्जा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए नौ सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। नेपाल के संविधान के विरोध में मधेसियों के आंदोलन की वजह से दोनों देशों के संबंध प्रभावित हुए थे। मधेसियों का कहना है कि नया संविधान उनके प्रतिनिधित्व और उनके गृह क्षेत्र से जुड़ी उनकी चिंताओं पर ध्यान देने में नाकाम रहा है। मधेसी समुदाय के भारतीयों के साथ करीबी पारिवारिक और सांस्कृतिक संबंध हैं।

मोदी ने ओली की मौजूदगी में मीडिया को दिए अपने बयान में कहा, ‘‘नेपाल में नये संविधान की घोषणा नेपाल में दशकों के संघर्ष के बाद हुई। यह एक बड़ी उपलब्धि है। मैं इसके लिए नेपाल के राजनीतिक नेतृत्व और लोगों के योगदान की सराहना करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसकी सफलता आम सहमति और बातचीत पर निर्भर करती है। मुझे पूरा यकीन है कि इन सिद्धांतों के आधार पर और राजनीतिक बातचीत के जरिए एवं सभी वर्गों को साथ लेकर आप :ओली: संविधान से जुड़े सभी मुद्दों का संतोषजनक हल निकालने में और नेपाल को विकास एवं स्थिरता के पथ पर अग्रसर करने में सक्षम करेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से नेपाल में शांति, स्थिरता और खुशहाली चाहता है और उसके सर्वांगीण विकास के लिए हरसंभव मदद करेगा।

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