नई दिल्ली: उमर खालिद समेत जेएनयू के पांच छात्र आज {रविवार) परिसर में दिखाई पड़े। उन छात्रों ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया बल्कि ‘डॉक्टर्ड वीडियो’ का इस्तेमाल कर उन्हें फंसाया गया। पुलिस ने उनके बारे में सूचना मिलने के बाद एक टीम को वहां के लिए रवाना कर दिया लेकिन छात्रों ने कहा, ‘वे आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, बल्कि पुलिस आकर उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।’ ये पांच छात्र हैं उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य, रामा नागा, आशुतोष कुमार और अनंत प्रकाश जो राजद्रोह के मामले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की 12 फरवरी को गिरफ्तारी के बाद से लापता हो गए थे। आशुतोष के अनुसार, ‘वे जांच में मदद के मद्देनजर वापस आए हैं। छात्रों और दुनियाभर से हमें जो अपार समर्थन मिला है उसने हमें ताकत दी है। मैं, रामा, अनिर्बन और अनंत आस-पास ही थे लेकिन भीड़ के पीट-पीटकर मारने पर उतारू होने के माहौल की वजह से हम सामने नहीं आए।’ हालांकि, उन्होंने कहा कि वे चारों उमर खालिद के संपर्क में नहीं थे और उससे उनकी कार्यक्रम के दिन नौ फरवरी को बातचीत हुई थी।
आशुतोष ने कहा कि छात्र दिल्ली में ही थे और रविवार की शाम को लौटने का फैसला व्यक्तिगत तौर पर किया गया, न कि सामूहिक तौर पर। उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ भी गलत नहीं किया, बल्कि डॉक्टर्ड वीडियो का इस्तेमाल करके हमें फंसाया गया। हम अब कहीं नहीं जाएंगे और विश्वविद्यालय को राष्ट्रविरोधी के तौर पर पेश किए जाने के खिलाफ आंदोलन का हिस्सा बनेंगे।’ इस बीच विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश कुमार ने कहा कि फिलहाल पुलिस और मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है और इस संबंध में फैसला कल सुबह किया जाएगा। इस बीच, भावी रणनीति पर फैसला करने के लिए छात्र संगठन आइसा की कैंपस में बैठक चल रही है। विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि कुछ अन्य छात्रों जिनके बारे में पुलिस ने अधिकारियों से सूचना मांगी थी वो भी कैंपस में दिखाई पड़े। इन छात्रों में रियाज और रूबीना शामिल हैं।