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मलकानगिरी: कालाहांडी में दाना मांझी के मामले को बीते अभी एक हफ्ता ही हुआ है कि ओडिशा में एक और शख्‍स को अपनी सात साल की बेटी का शव लिए कई किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूर होना पड़ा क्‍योंकि जिस एंबुलेंस में वह सवार थे उसने कथित रूप से उन्‍हें बीच रास्‍ते में ही उतार दिया। एंबुलेंस के ड्राइवर को जब यह पता चला चला कि मलकानगिरी जिला अस्‍पताल जाने के रास्‍ते में ही लड़की की मौत हो गई है तो उसने कथित रूप से उसके माता-पिता को रास्‍ते में ही उतर जाने को कहा। मलकानगिरी के घुसापल्‍ली की रहने वाली बरसा खेमुडू की मौत तब हो गई जब उसके माता-पिता उसे मिथाली अस्‍पताल से एंबुलेंस के जरिए मलकानगिरी जिला अस्‍पताल ले जा रहे थे। बरसा की हालत खराब होने के बाद उसे मिथाली अस्‍पताल से जिला अस्‍पताल रेफर किया गया था। लड़की के पिता दीनाबंधु खेमुडू ने बताया, 'जैसे ही ड्राइवर को पता चला कि हमारी बेटी की मौत रास्‍ते में ही हो गई है, उसने हमसे एंबुलेंस से उतर जाने को कहा।' मामला तब प्रकाश में आया जब स्‍थानीय लोगों ने खेमुडू और उसकी पत्‍नी को बेटी का शव लेकर पैदल चलते देखा और उसके बारे में पूछा। इसके बाद गांव वालों ने स्‍थानीय बीडीओ और चिकित्‍सा अधिकारियों से संपर्क किया तब जाकर दूसरी गाड़ी का इंतजाम हो पाया। हालांकि मलकानगिरी के जिला कलेक्‍टर के सुदर्शन चक्रवर्ती ने मुख्‍य जिला चिकित्‍सा अधिकारी (सीडीएमओ) उदय शंकर मिश्रा को मामले की जांच करने को कहा है।

बेंगलुरु: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को कालाहांडी घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सरकारी अस्पताल के अधिकारियों की संवेदनहीनता को बेहद दुखद करार दिया। ओडिशा निवेशक सम्मेलन-2016 में पहुंचे पटनायक ने कहा कि घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार ने सरकारी अस्पतालों से मृतक के घर तक शव पहुंचाने के लिए नि:शुल्क परिवहन सुविधा मुहैया कराने के लिए महाप्रयाण योजना की शुरूआत की है। इसके बाद इस तरह की घटना तकलीफदेह है। कालाहांडी के भवानीपटना में मंगलवार को दाना माझी की पत्नी की मौत हो गई थी। अस्पताल से एंबुलेंस न मिलने पर दाना माझी पत्नी का शव कंधे पर लेकर 60 किलोमीटर दूर घर के लिए निकले थे। बाद में कुछ लोगों ने मामले की सूचना जिलाअधिकारी को दी। जिलाधिकारी की दखल के बाद अस्पताल से एंबुलेंस मदद को पहुंची लेकिन तबतक वह लगभग 10 किलोमीटर दूर जा चुका था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूरे देश में उसकी आलोचना हुई। शव की हड्डी तोड़ी और बांस से बांधकर ले गए वहीं दूसरी घटना बालेसर से 30 किलोमीटर दूर सोरो में घटी। यहां एक मालगाड़ी से टकराकर वृद्धा की मौत हो जाती है।

भुवनेश्वर: यहां के पिछड़े जिले कालाहांडी में एक आदिवासी व्यक्ति को अपनी पत्नी के शव को अपने कंधे पर लेकर करीब 10 किलोमीटर तक चलना पड़ा। उसे अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल सका था। व्यक्ति के साथ उसकी 12 वर्षीय बेटी भी थी. बुधवार सुबह स्थानीय लोगों ने दाना माझी को अपनी पत्नी अमंग देई के शव को कंधे पर लादकर ले जाते हुये देखा। 42 वर्षीय महिला की मंगलवार रात को भवानीपटना में जिला मुख्यालय अस्पताल में टीबी से मौत हो गई थी। इस प्रकार की स्थिति के लिए नवीन पटनायक की सरकार ने फरवरी में ‘महापरायण’ योजना की शुरुआत की थी जिसके तहत शव को सरकारी अस्तपताल से मृतक के घर तक पहुंचाने के लिए मुफ्त परिवहन की सुविधा दी जाती है। हालांकि माझी ने बताया कि बहुत कोशिश के बावजूद भी उसे अस्पताल के अधिकारियों से किसी तरह की मदद नहीं मिली। इसलिए उसने अपनी पत्नी के शव को एक कपड़े में लपेटा और उसे कंधे पर लादकर भवानीपटना से करीब 60 किलोमीटर दूर रामपुर ब्लॉक के मेलघारा गांव के लिए पैदल चलना शुरू कर दिया।

भुवनेश्वर: ओड़िशा के विभिन्न हिस्सों में पिछले दो दिनों में बिजली गिरने से कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई। ओड़िशा आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष ने कहा कि कल से अभी तक इस राज्य के 10 जिलों में बिजली गिरने से 41 लोगों ने अपनी जानें गंवा दी। सबसे अधिक आठ लोग भद्रक जिले में मारे गए, जबकि सात लोगों की मत्यु बालेश्वर जिले में, पांच की खुरदा और तीन की मौत मयूरभंज में हुई। बाकी लोगों की मत्यु अन्य जिलों में हुई है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विशेष राहत आयुक्त को पीड़ितों के परिजनों को सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

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