प्रयागराज: भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। तबादले के विरोध में आंदोलन कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। हाईकोर्ट के वकील सोमवार से काम पर वापस लौटेंगे। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन कार्यकारिणी की बैठक में हड़ताल खत्म कर काम पर वापस लौटने का फैसला लिया गया है। बैठक के बाद अध्यक्ष अनिल तिवारी ने लिए गए फैसलों पर मीडिया को जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जस्टिस यशवंत वर्मा के न्यायिक कार्य करने पर रोक लगने के बाद हड़ताल को स्थगित किया गया है, उनके मुताबिक जांच कमेटी की रिपोर्ट आने तक हड़ताल को स्थगित किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि हड़ताल स्थगित की गई है, लेकिन आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।
आंदोलन के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन 26 और 27 अप्रैल को प्रयागराज में नेशनल लेवल की कांफ्रेंस आयोजित करेगा। ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी विषय पर कॉन्फ्रेंस में देश के सभी हाईकोर्ट की बार के पदाधिकारी और सीनियर अधिवक्ता शामिल होंगे।
जस्टिस यशवंत वर्मा का शपथ ग्रहण का होगा बहिष्कार
आज हुई आपात बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जस्टिस यशवंत वर्मा के शपथ ग्रहण का बहिष्कार करेगा। हाईकोर्ट का कोई भी वकील शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होगा। वकीलों की हड़ताल स्थगित होने से हाईकोर्ट में सोमवार से मुकदमों की सुनवाई शुरू हो सकेगी। सोमवार को अगर ईद का त्यौहार हुआ तो मंगलवार से हाईकोर्ट में कामकाज शुरू होगा।
आज हुई बैठक में बार की कार्यकारिणी के सदस्यों के साथी तमाम पूर्व पदाधिकारी और दूसरे सीनियर वकील भी शामिल हुए, सभी तीनों फैसले सर्व सम्मति से लिए गए। बैठक में निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया। जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले को न्यायपालिका के लिए काला दिन बताया गया। हालांकि यह भी कहा गया कि हाईकोर्ट के वकीलों के आंदोलन की वजह से ही सुप्रीम कोर्ट जस्टिस यशवंत वर्मा के न्यायिक कामकाज करने पर रोक लगाई है।