मोहाली: पंजाब के मोहाली के जीरकपुर की महिला के साथ दुष्कर्म मामले के आरोपी पास्टर बजिंदर सिंह को मोहाली की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद पुलिस ने पास्टर को हिरासत में ले लिया था। वह पटियाला जेल में बंद है।
महिला से दुष्कर्म के मामले में नामजद पास्टर बजिंदर सिंह सोमवार को अदालत में पेश हुआ था। उस दिन की पेशी के बाद कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। पास्टर के खिलाफ अदालत में उनके वकील एचएस धानोआ ने याचिका दायर करके अदालत को बताया था कि 3 मार्च को पास्टर बजिंदर सिंह अस्पताल में भर्ती थे। जिस कारण वह अदालत में पेश नहीं हो सके और उनकी तरफ से पेशी से छूट के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। दूसरी तरफ सरकारी वकील और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने बजिंदर सिंह के गैर जमानती वारंट रद्द करते इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च की तारीख तय की थी।
मामले में पहले भी गिरफ्तार हो चुका है पास्टर
पुलिस ने पास्टर बजिंदर सिंह को उस समय गिरफ्तार किया था, जब इंग्लैंड के बरमिंघम शहर में करवाए जा रहे एक सेमिनार में शामिल होने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट लेने के लिए पहुंचा था। पास्टर बजिंदर सिंह की एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई थी, जिसमें वह महिला से मारपीट कर रहे हैं। यह वीडियो 14 फरवरी की थी, जो 16 मार्च को वायरल हुई थी, जिसमें महिला को थप्पड़ जड़ते हुए पास्टर नजर आया था। इसी वीडियो में बच्चे के साथ बैठी महिला के मुंह पास्टर ने कॉपी फेंक कर मारी थी। यह महिला पास्टर के पास काम करती थी।
पीड़िता ने खुद को बताया खतरा, मांगी सुरक्षा
पास्टर को दोषी करार दिए जाने के बाद पीड़िता मीडिया के सामने आई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि दोषी पास्टर बजिंदर सिंह एक साइको है। अगर वह जेल से बाहर आएगा तो फिर से अपराध करेगा। इसलिए मैं चाहती हूं कि वह हमेशा जेल में ही रहे। पीड़िता ने कहा कि अदालत के इस फैसले से मैं बहुत खुश हूं। यह मेरी अकेले की जीत नहीं है। आज कई लड़कियों (पीड़ितों) ने जीत हासिल की है। अब कई लोग सामने आएंगे। बहुत सारी लड़कियां और लड़के भी बजिंदर सिंह के कब्जे से आजाद होंगे। इस फैसले से मैं खुश हूं। पीड़िता ने डीजीपी पंजाब से अनुरोध किया है कि मुझे और मेरे पति को सुरक्षा दी जाए। क्योंकि आने वाले समय में हम पर हमले हो सकते हैं। इसलिए हमारी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इतना ही नहीं मेरे और परिवार पर कई झूठे मामले भी दर्ज हो सकते हैं, क्योंकि ऐसे कई केस पहले भी हमारे खिलाफ दर्ज करवाए गए हैं।