नागपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 साल में पहली बार नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय पहुंचे। आज (30 मार्च) सुबह यहां के स्मृति मंदिर में उन्होंने आरएसएस के संस्थापकों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत भी उनके साथ रहे। प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही वह यहां नहीं आए थे। पीएम मोदी इस दौरे में आरएसएस के संस्थापकों में से एक गोलवलकर की याद में बनाया गया सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल 'माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर' की आधारशिला भी रखेंगे।
नागपुर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री व नागपुर सांसद नीतिन गडकरी ने उनका स्वागत किया। आरएसएस हेडक्वार्टर के दौरे पर भी यह दोनों दिग्गज पीएम मोदी के साथ रहे।
आंबेडकर की दीक्षाभूमि भी जाएंगे
पीएम मोदी अपने नागपुर दौरे में दीक्षाभूमि का दौरा भी करेंगे। यहीं पर 1956 में बाबा साहेब आंबेडकर ने हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। यहां पीएम मोदी डॉ. भीम राव आंबेडकर को श्रद्धांजलि देंगे।
इसके बाद प्रधानमंत्री अपने कार्यक्रम में नागपुर में सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड की एम्युनेशन फैसिलिटी का भी दौरा करेंगे। यहां वे यूएवी विमानों के लिए बनाई गई 1250 मीटर लंबी और 25 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी का उद्घाटन करेंगे।
आरएसएस हेडक्वार्टर आने वाले दूसरे प्रधानमंत्री
नागपुर में हेडगेवार स्मृति भवन आने वाले पीएम मोदी दूसरे प्रधानमंत्री हैं। उनसे पहले 27 अगस्त साल 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी ने बतौर प्रधानमंत्री आरएसएस हेडक्वार्टर का दौरा किया था। उन्होने भी आरएसएस संस्थापकों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
'संघ को खुश करने की कोशिश'
आरएसएस ने पीएम मोदी के इस दौरे को ऐतिहासिक बताया है, वहीं विपक्षी पार्टियों ने इस कार्यक्रम पर चुटकी लेना शुरू कर दी है। आरएसएस विचारक आशुतोष अडोनी ने कहा कि एक स्वयंसेवक देश का प्रधानमंत्री है और वह यहां आ रहे हैं, इसीलिए यह ऐतिहासिक दौरा है। उधर, आप नेता संजय सिंह ने कहा, 'लोकसभा चुनाव में कम सीट मिलने का असर दिख रहा है। आरएसएस को खुश करने की कोशिश हो रही है।'