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नई दिल्ली: लोकसभा ने 35 सरकारी संशोधनों को शामिल करने के बाद वित्त विधेयक 2025 पारित कर दिया। इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक 2025 को करदाताओं के लिए अभूतपूर्व कर राहत देने वाला बताया। लोकसभा में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस विधेयक के जरिए मध्यम वर्ग और व्यवसायों को राहत मिलने की उम्मीद है।

इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में महत्वपूर्ण कर सुधारों का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अनिश्चितता को दूर करने के लिए ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगने वाला समानीकरण शुल्क समाप्त किया जाएगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बताया कि एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान के बावजूद 2025-26 में व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 13.14% की वृद्धि का अनुमान यथार्थवादी है।

सीतारमण ने यह भी कहा कि सीमा शुल्क में तर्कसंगत बदलाव से देश में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, निर्यात को गति मिलेगी और आम जनता को महंगाई से राहत मिलेगी।

नए आयकर विधेयक पर संसद के मानसूत्र सत्र के दौरान होगी चर्चा

उन्होंने बताया कि नए आयकर विधेयक पर संसद के अगले मानसून सत्र में चर्चा होगी। लोकसभा में वित्त विधेयक 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि नया आयकर विधेयक, जिसे 13 फरवरी को सदन में पेश किया गया था, वर्तमान में प्रवर समिति की ओर से जांचा जा रहा है।

प्रवर समिति को संसद के अगले सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। सीतारमण ने कहा, ‘‘...हम इसे (नए आयकर विधेयक को) मानसून सत्र में लाएंगे।’’ संसद का मानसून सत्र आमतौर पर जुलाई में आयोजित होता है और अगस्त तक चलता है।

वित्त मंत्री ने नए विधेयक से जुड़ी जानकारी साझा की

आयकर विभाग ने पहले कहा था कि सरलीकृत आयकर विधेयक, जो 1961 के आयकर अधिनियम का आधा है, मुकदमेबाजी और नई व्याख्या की गुंजाइश को कम करके कर निश्चितता हासिल करने का प्रयास करता है। नए विधेयक में शब्दों की संख्या 2.6 लाख है, जो आईटी अधिनियम में 5.12 लाख से कम है। मौजूदा कानून में 819 प्रभावी धाराओं के मुकाबले इसमें धाराओं की संख्या 536 है। अध्यायों की संख्या भी 47 से घटाकर आधी 23 कर दी गई है।

आयकर विधेयक 2025 में मौजूदा अधिनियम में 18 तालिकाओं की तुलना में 57 तालिकाएं हैं और 1,200 प्रावधान व 900 स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं।

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