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नोएडा/गाजियाबाद: सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में यादव सिंह और उनके परिवार के चार सदस्यों पर आरोप तय कर दिए। आरोपियों में पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह के साथ जेल में बंद उनका बेटा सन्नी, पुत्रवधू श्रेष्ठा सिंह, दोनों बेटियां गरिमा भूषण, करुर्णा सिंह शामिल हैं। सीबीआई ने उनकी तीन कंपनियां और एक ट्रस्ट को भी आरोपी बनाया है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अमितवीर सिंह की अदालत में इस मामले में सुनवाई हुई।

विशेष अदालत ने पहले मुख्य आरोपी नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह और उनके परिवार के सदस्यों की ओर से डिस्चार्ज प्रार्थनापत्र को खारिज करने के आदेश दिए। वरिष्ठ लोक अभियोजक बीके सिंह ने बताया कि अदालत ने यादव सिंह परिवार के डिस्चार्ज प्रार्थनापत्र को खारिज करने के साथ ही सभी पांच आरोपियों और उनकी तीन फर्म एवं एक ट्रस्ट पर आरोप तय करने के आदेश दिए। अदालत ने अगली तारीख 12 सितंबर तय की है। उस दिन यादव सिंह के सीए और सरकारी गवाह मोहन लाल राठी के बयान दर्ज होंगे।

लखनऊ: एससी-एसटी ऐक्ट में बदलाव के विरोध में गुरुवार को देशभर में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में जहां कहीं-कहीं जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन हुआ वहीं कई जगहों पर फायरिंग भी हुई। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में जहां जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन, आगजनी, तोड़फोड़ की गई वहीं पश्चिम यूपी में आगरा को छोड़ अपेक्षाकृत कम असर दिखाई दिया। आगरा में आंन्दोलन हिंसक हो गया। यहां 12 लोग घायल हो गए। वाराणसी में भी तोड़फोड़ और फायरिंग की गई। लखनऊ में बंद का असर दिखाई दिया। प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर गए और बाजार बंद कराए।

आगरा में बंद के दौरान हिंसा, एक दर्जन घायल

आगरा में बंद पूरी तरह सफल रहा। शहर में जहां जाम और प्रदर्शन हुए वहीं बंद के दौरान ग्रामीण अंचल में हिंसा भड़क गई। दुकानें बंद कराने को लेकर पिनाहट में दो वर्ग के लोगों के बीच जमकर पथराव हुआ। करीब एक दर्जन लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर उपद्रवियों को शांत किया। धनौली में भी बंद समर्थकों और विरोधियों के बीच टकराव हुआ। शमसाबाद के ग्राम नरीपुरा में असामाजिक तत्वों ने डा. आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। यहां दलित समाज के लोगों ने हंगामा किया।

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के किदवई नगर क्षेत्र में बाइक सवार युवकों ने कोचिंग से घर लौट रहे 11वीं कक्षा के छात्र को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसके मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद मृतक के परिजनों और इलाके के लोगों ने जमकर हंगामा किया। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया। पुलिस का कहना है कि विवाद लड़की से बात करने को लेकर हुआ है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

जानकारी मिली है कि बाबूपुरवा थाना क्षेत्र के बगाही निवासी लखन पाल का बेटा अंकित पाल (16) 11वीं कक्षा का छात्र था। वह किदवई नगर में किदवई विद्यालय के पास आशुतोष पांडेय की कोचिंग में पढ़ता था। बुधवार शाम भी वह कोचिंग गया था. रात को घर वापस लौटते वक्त अंकित दूसरी कोचिंग की लड़की से बात करने लगा। इस बीच वहां आए दो युवकों- राजपाल और रजत से अंकित की कहासुनी होने लगी।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मेरठ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को हापुड़ में भीड़ द्वारा पीट कर हत्या के मामले की जांच की निगरानी का निर्देश दिया। प्रधन न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ को उत्तर प्रदेश सरकार ने सूचित किया कि संबंधित थाना प्रभारी का तबादला कर दिया गया है और उसने इस मामले में आरोपियों की जमानत रद्द करने के लिये अपील भी दायर की है। इस मामले को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करते हुए पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'यह निर्देश दिया जाता है कि मेरठ रेंज के पुलिस महानिदेशक की देखरेख में इस ​मामले की जांच की जायेगी।'

राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने पीठ से कहा कि पुलिस ने घटना के वक्त तत्परता से कार्रवाई की है और इसकी जांच 60 दिन के भीतर पूरी हो जायेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के शिकायतकर्ता समीउद्दीन के आरोपों को बेहद गंभीर बताते हुए 13 अगस्त को निर्देश दिया था कि हापुड़ में भीड़ के हमले की घटना की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी से करायी जाए।

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