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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होने वाली है। इस बीच कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कई सवाल पूछे हैं। हालांकि नये सीईसी ने अपना पद ग्रहण कर लिया है।

राहुल गांधी ने कोर्ट में सुनवाई तक बैठक स्थगित करने का  दिया सुझाव 

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त चुनने वाली समिति में प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया होने चाहिए। सरकार ने नया कानून लाकर इसमें से चीफ जस्टिस को निकाल दिया और उनकी जगह प्रधानमंत्री के एक पसंदीदा मंत्री को रखा गया । सरकार के इस कानून को चुनौती देने के लिए एक याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर 19 तारीख को सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार ने आनन फ़ानन में मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने के लिए जल्दबाजी में समिति की बैठक बुलाई। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने समिति की बैठक को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई तक के लिए स्थगित करने का सुझाव दिया। 

नेता प्रतिपक्ष ने डिस्सेंट नोट भी दिया। लेकिन समिति बैठक में नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने इस सुझाव को खारिज कर दिया।

उन्होंने आगे कहा कि आधी रात को उन्होंने ज्ञानेश कुमार को अगला मुख्य चुनाव आयुक्त घोषित कर दिया। ज्ञानेश कुमार अमित शाह के दाहिने हाथ माने जाते हैं। वैसे सवाल तो यह पूछे जाएंगे। वैसे ऐसी कौन सी जल्दी थी कि कोर्ट की सुनवाई के लिए रुक नहीं सकते थे?। ऐसा क्या करना चाह रहे थे कि समिति से चीफ जस्टिस को निकाल कर अपना मंत्री डाला?। सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति की समिति में चीफ जस्टिस हैं, तो चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में क्यों नहीं?

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