ताज़ा खबरें
'सड़कों पर गढ्ढे, गलियों में अंधेरा है', सपा विधायक ने सरकार को घेरा

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि झांसी में हुए फर्जी एनकाउंटर को लेकर भी जनता में काफी रोष व बेचौनी है और वे आवाज उठा रहे हैं। मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जब खुलेआम अपराध जारी है तो फिर अन्य जिलों की भी दयनीय स्थिति समझी जा सकती है। फर्जी एनकाउंटर को लेकर भी जनता में काफी रोष व बेचौनी है और वे आवाज उठा रहे हैं। स्पष्ट है कि प्रदेश में कानून का नहीं बल्कि अपराधियों का जंगलराज चल रहा है। सरकार तुरन्त ध्यान दे।

इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने झांसी में हुए पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पुष्पेंद्र यादव के एनकाउंटर को हत्या करार दिया है। परिजनों ने मांग की है कि जिसने भी ऐसा किया है, उसके विरुद्घ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। वहीं, झांसी पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) जनपद झांसी द्वारा मजिस्ट्रियल जांच की जा रही है।

झांसी: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए गुरुवार को तंज किया कि यहां भाजपा के शासन में रामराज नहीं बल्कि 'नाथूराम राज' दिखाई दे रहा है। अखिलेश ने झांसी में पिछले दिनों हुई कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे गये पुष्पेन्द्र यादव नामक व्यक्ति की मौत की हाई कोर्ट के किसी सेवारत न्यायाधीश से जांच की मांग दोहराते हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर प्रदेश में मॉब लिंचिंग के साथ-साथ अब तो 'पुलिस लिंचिंग' भी होने लगी है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस ने वसूली का विरोध करने पर पुष्पेन्द्र की हत्या कर दी, उसे देखते हुए यही लगता है कि भाजपा के शासन में उत्तर प्रदेश में रामराज नहीं बल्कि 'नाथूराम राज' है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा इस फर्जी मुठभेड़ के लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है। उसने पुष्पेन्द्र के उस सीआईएसएफ के जवान भाई को भी कथित मुठभेड़ का आरोपी बना दिया है जो घटना के वक्त दिल्ली में ड्यूटी पर तैनात थे। क्या राष्ट्रवादी सरकार जो हर दिन पाकिस्तान को गाली देती है, वह उसको न्याय दिलाएगी।

लखनऊ: अयोध्या विवाद का मध्यस्थता के जरिए हल निकालने की एक और कोशिश शुरू हुई है। इसके लिए ‘इंडियन मुस्लिम फॉर पीस’ नाम के संगठन ने गुरुवार को गोमतीनगर स्थित होटल में बैठक की। इसमें प्रस्ताव पारित किया गया कि करोड़ों हिन्दुओं की आस्था को देखते हुए विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी जाए। बैठक में चार प्रस्ताव पारित हुए, जिन्हें बाबरी मस्जिद के पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड के जरिए सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता कमेटी को भेजा जाएगा। बुद्धिजीवियों ने इस संगठन को विवाद के हल की कोशिश के तहत बनाया है।

बैठक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ले.जनरल जमीरुद्दीन शाह की अध्यक्षता में हुई। बाद में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, मुसलमान सुप्रीम कोर्ट से मुकदमा जीत भी गए तो वहां पर मस्जिद नहीं बना पाएंगे। क्योंकि अदालतें लोगों के जज्बात से बड़ी नहीं होती हैं। वतन में भाईचारा बनाए रखने और अमन के लिए जमीन उपहार के तौर पर हिन्दू भाइयों को दे देनी चाहिए। उन्होंने कहा, बैठक में किसी उलमा को नहीं बुलाया, क्योंकि ज्यादातर उलमा मध्यस्थता के पक्ष में नहीं है। मंदिर-मस्जिद से ज्यादा देश में अमन जरूरी है।

नई दिल्ली: प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एप्पल ने दिल्ली की एक अदालत से बुधवार को कहा कि भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के मोबाइल फोन 'लोकेशन' का उस दिन का ब्योरा उसके पास नहीं है, जिस दिन उन्नाव में 17 वर्षीय लड़की से कथित तौर पर बलात्कार हुआ था। एप्पल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के वकील ने अदालत से कहा कि सेंगर जिस आईफोन का इस्तेमाल कर रहे थे, उसके 'लोकेशन से जुड़ी जानकारी उसके (कंपनी के) पास नहीं है।

मामले से जुड़े वकीलों ने यह जानकारी दी। बंद कमरे में हो रही सुनवाई के दौरान एप्पल के वकील ने जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा के समक्ष यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर को अदालत ने कंपनी से दो हफ्ते में संबद्ध जानकारियां शपथपत्र के साथ मुहैया करने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि सेंगर पर 2017 में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने का आरोप है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख