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श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा ने अन्य श्रद्धालुओं के साथ शनिवार को दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा में पवित्र हिमलिंग के दर्शन किए और इसके साथ ही वार्षिक यात्रा शुरू हो गई। राज्यपाल इस 48 दिन की तीर्थयात्रा का प्रबंधन संभालने वाले श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष भी हैं। वह यहां होने वाली ‘प्रथम पूजा’ में शामिल हुए और 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस गुफा में बनने वाले प्राकृतिक शिवलिंग की पूजा की। गृह मंत्री सबसे पहले दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं में शामिल थे। पिछले साल भी सिंह ने अमरनाथ यात्रा के पहले ही दिन बाबा अमरनाथ के दर्शन किए थे। राजनाथ सिंह यहां शुक्रवार को पहुंचे थे और घाटी में हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर उन्होंने एक उच्च स्तरीय बैठक में यहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया। इस बैठक में अमरनाथ गुफा की सुरक्षा पर भी विस्तार से चर्चा हुई। अमरनाथ यात्रा निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक पुलिस, सीआरपीफ, बीएसएफ और सेना के बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में दो स्थानों से शुरू हुई। इसमें एक रास्ता है दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले का 42 किमी लंबा पारंपरिक पहलगाम मार्ग और दूसरा रास्ता है महज 12 किमी लंबा मध्य कश्मीर केोंदेरबल जिले का बालटाल मार्ग। श्रद्धालु बालटाल के रास्ते यात्रा करना पसंद करते हैं क्योंकि इस मार्ग से यह यात्रा एक दिन में पूरी हो जाती है।

नई दिल्ली: पुलवामा के लेथपुरा में सीआरपीएफ कैंप पर आतंकियों ने रात पौने दस बजे ग्रेनेड से हमला किया। हमले का सीआरपीएफ की 182 बटालियन ने तुरंत जवाब दिया। अंधेरे का फायदा उठाकर आतंकी भाग गए। हमले में सीआरपीएफ के दो जवान मामूली तौर पर घायल हो गए। फिलहाल इलाके में गोलाबारी बंद हो गई है और सीआरपीएफ सर्च अभियान चला रही है। गौरतलब है कि पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ, पुलिस और सेना ने मिलकर दो आतंकियों को मार गिराया था। मारे गए आतंकी में एक पाकिस्तानी था और एक स्थानीय। पुलवामा के पंपोर में पिछले शनिवार को लश्कर के आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हो गए थे और 22 जवान घायल। बाद में सीआरपीएफ ने हमला करने वाले दोनों आतंकियों को मार गिराया था।

जम्मू: राज्य में हाल ही में हुए आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में 48 दिवसीय सालाना अमरनाथ यात्रा आज कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गई। उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने दक्षिण कश्मीर में हिमालय पर स्थित इस गुफा की ओर जाने वाले 1282 श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना किया। अमरनाथ के भगवती नगर इलाके की हवाई सुरक्षा के लिए पहली बार ड्रोनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और दो मार्गों पर कम से कम 20 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। सिंह ने कहा, ‘इस साल अमरनाथ यात्रा को निर्बाध और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।’ पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं के पहले जत्थे में 990 पुरूष, 225 महिलाएं, 13 बच्चे और 144 साधु हैं। सीआरपीएफ के जवान आज सुबह पांच बजे भगवती नगर बेस कैंप से 33 वाहनों में सवार श्रद्धालुओं के काफिले को लेकर निकले। देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालु ‘बम-बम भोले’ का जयघोष करते हुए और भजन गाते हुए पहलगाम और बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए। वहां से कल ये लोग 3888 मीटर उंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होंगे। राज्य कश्मीर घाटी में आतंकी हमलों की बढ़ी हुई घटनाओं और सुरक्षा बलों पर हमलों से जूझ रहा है। ऐसे में सुरक्षा प्रतिष्ठान के सामने अमरनाथ यात्रा के दौरान किसी अप्रिय घटना को रोकना और यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाना एक बड़ी चुनौती है।

श्रीनगर: उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुई एक मुठभेड़ में आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का एक शीर्ष कमांडर मारा गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आज सुबह कुपवाड़ा जिला स्थित नगरी हतमुल्ला में सुरक्षा बलों के साथ हुई गोलीबारी में समीर अहमद वनी उर्फ जान साहिब मारा गया। अधिकारी ने बताया कि पड़ोसी बारामुला जिले के सोपोर का रहने वाला वनी हिज्बुल मुजाहिदीन का ‘संभागीय कमांडर’ था। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ की जगह से एक एके राइफल और कुछ गोले बारूद बरामद किए गए।

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