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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार राज्य में प्रदर्शनों के दौरान पथराव करने के आरोप में गिरफ्तार युवाओं को ईद से पहले रिहा करने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को इसका संकेत देते हुए कहा कि उन्होंने गृहविभाग को इनके मामलों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है, ताकि उन्हें फिर से अपना करियर बनाने का अवसर मिल सके। मुख्यमंत्री के मुताबिक पुलिस महानिदेशक, जेल महानिदेशक और प्रधान सचिव, गृह सचिव की एक समिति पथराव के आरोपों में विभिन्न जेलों में बंद विचाराधीन सभी युवाओं के मामले की समीक्षा करेगी। इससे उन्हें जिम्मेदार नागरिक के तौर पर जीने का एक मौका देने पर विचार होगा। महबूबा ने सोमवार सुबह राज्य की जेलों में सुधार लाने संबंधी उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह बात कही। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक के राजेंद्र कुमार से अनजाने में नियंत्रण रेखा पार करने वाले मानसिक रूप से परेशान एक पाकिस्तानी नागरिक को वापस भेजने के मामले को भी देखने कहा। वह व्यक्ति अभी जेल में है। उन्होंने कहा, शख्स को इतने समय तक जेल में क्यों रखा गया वह गूंगा बहरा है मानसिक रूप से परेशान भी है। साथ ही कहा कि राज्य और उसकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस तरह के लापरवाह तरीके से काम नहीं करना चाहिए। उनका रुख और मानवीय होना चाहिए।

श्रीनगर: सुरक्षा एजेंसियों ने उस वाहन चालक की पहचान कर ली है जो सीआरपीएफ की एक बस पर घात लगा कर हमला करने वाले फिदायीन आतंकवादियों को अपनी गाड़ी से ले गया था। इस हमले में आठ जवान मारे गए थे। वहीं, एक जांच में इस बात का जिक्र किया गया है कि पिछले महीने की शुरुआत में गुलमर्ग की ऊंचाई वाले स्थानों के जरिए लश्कर ए तैयबा के हमलावरों ने कश्मीर घाटी में घुसपैठ की थी। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि चालक पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के चार आतंकवादियों को चार दिन पहले यहां से 57 किलोमीटर दूर स्थित बाबा रेशी से ले गया था और उन्हें दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिला में एक सुरक्षित मकान में रखा था। 25 जून को पम्पोर में हुए घातक हमले से चार दिन पहले यह किया गया था। चालक की पहचान जाहिर नहीं की गई है। सूत्रों ने बताया कि हमले के दिन से चालक भूमिगत हो गया था। उसे स्थानीय पुलिस आतंकवादी संगठन का ‘ओवर ग्राउंड वर्कर’ (ओजीडब्ल्यू) मान रही थी लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि अब तक उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था। सुरक्षा एजेंसियां अब चालक को पकड़ने के बहुत करीब हैं। अब तक सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों को एक दूसरे से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि चार फिदायीन उत्तर कश्मीर में गुलमर्ग के ऊंचाई वाले स्थानों के जरिए घुसपैठ किए और एक टाटा सूमो वाहन से दक्षिण कश्मीर पहुंचे।

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को राज्य सरकार के कर्मचारियों से अपील की कि राज्य की 'बेहद बुरी वित्तीय स्थिति' के मद्देनजर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक वेतन में बढ़ोतरी की अपनी मांग कम से कम दो साल के लिए टाल दें। महबूबा ने कहा, 'मैं हमारे यूनियनों, हमारे कर्मचारियों से अनुरोध करना चाहती हूं कि हमारे राज्य की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। राज्य सरकार कई देनदारियों का सामना कर रही है।' मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारी भविष्य निधि (पीएफ) से करीब 20,000 करोड़ गायब हैं। हम इसे ढूंढ नहीं पा रहे और जब हम इस खाई को पाटने की कोशिश कर रहे थे तो सातवें वेतन आयोग की घोषणा कर दी गई।' उन्होंने कहा, 'मैं अपने कर्मचारियों से अनुरोध करती हूं कि यह आपका राज्य है और आप ही इसे चलाते हैं।' मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि 61,000 अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी कैसे किया जाए। विधान परिषद में बजट सत्र के समापन अवसर पर उन्होंने कहा कि यदि हमें उन्हें रोजगार देना है तो मैं कर्मचारियों से अनुरोध करती हूं कि वे कम से कम दो साल के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक वेतन बढ़ोतरी की अपनी मांग टाल दें।

जम्मू: दक्षिण कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की यात्रा के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच 1,214 श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था शनिवार को यहां आधार शिविर से रवाना हो गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जत्थे में 837 पुरुष, 227 महिलाएं और 150 साधु शामिल हैं। जत्था आज सुबह पांच बजकर 20 मिनट पर भगवती नगर आधार शिविर से 33 वाहनों के काफिले में निकाला। उन्होंने बताया कि काफिला पहले ही जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पटनीटॉप पार कर चुका है और आज शाम तक अपने गंतव्य बालटाल एवं पहलगाम आधार शिविर पहुंच जाएगा। आज के जत्थे के साथ अमरनाथ मंदिर के लिए जम्मू आधार शिविर से अब तक 2,496 श्रद्धालु रवाना हो चुके हैं।

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