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श्रीनगर: कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने प्रतिबंधों का उल्लंघन किया एवं शहर के निचले इलाके में शहीदों के कब्रिस्तान तक मार्च निकालने की कोशिश की जिसके बाद उन्हें पुलिस ने आज हिरासत में ले लिया। गिलानी नजरबंद थे और उन्हें पुलिस ने हैदरपोर में उनके आवास के बाहर हवाईअड्डा सड़क पर हिरासत में ले लिया। गिलानी ने प्रतिबंधों का उल्लंघन किया और वर्ष 1931 में राजशाही के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवाने वालों की 85वीं बरसी मनाने के लिए उन्होंने शहीदों के कब्रिस्तान की ओर मार्च निकालने की कोशिश की। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिलानी ने प्रतिबंधों का उल्लंघन करने की कोशिश की इसलिए पुलिस ने उन्हें उनके आवास के बाहर हिरासत में ले लिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने हुर्रियत के कुछ अन्य नेताओं को भी हिरासत में लिया है।

श्रीनगर: सुरक्षाबलों के साथ पिछले सप्ताह मुठभेड़ में मारे गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी कमांडर बुरहान वानी की तारीफ में यहां कई जगहों पर दीवारों पर संदेश लिखे गए हैं और पोस्टर लगाए गए हैं। भले ही श्रीनगर और अन्य जिलों के ज्यादातर हिस्सों में शनिवार से ही कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं, यहां कई जगहों पर दीवारों पर बुरहान की तारीफ में चीजें लिखी गई हैं। शहर के केन्द्र लाल चौक के पास अमीरा कादल में एक दुकान की शटर पर एक जगह लिखा गया है, ‘‘ बुरहान हमारा हीरो है।’’ पास की एक दूसरी दुकान पर लिखा है, ‘‘ आज हमें गम है कि हमारा शेर अब इस दुनिया में नहीं रहा।’’ शहर में एक जगह पर ‘एके-47’ राइफल की तस्वीर के साथ लिखा है ‘बुरहान अब भी जिंदा है।’’ शुक्रवार को वानी और उसके दो सहयोगियों के मारे जाने के बाद घाटी में भड़की हिंसा में अब तक 23 नागरिकों की मौत हो चुकी है। भीड़ के साथ हिंसा में एक पुलिसकर्मी भी मारा गया है।

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में चौथे दिन भी हिंसा और आगजनी जारी है। हिंसा में मरने वालों की तादाद 29 पहुंच गई है। 2010 के बाद यह पहली बार है जब इस कदर गंभीर घरेलू तनाव यहां देखा जा रहा हो। इस मामले में अब तक 800 के करीब लोग घायल हो चुके हैं जिनमें 100 पुलिसकर्मी हैं। जम्मू-कश्मीर में बिगड़े हालात के चलते गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका यात्रा सितंबर तक टाल दी है। कश्मीर के हालात पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी की बैठक कर रहे हैं। शुक्रवार को हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने को लेकर अलगाववादी प्रायोजित हड़ताल और कर्फ्यू जैसी पाबंदियों के चलते कश्मीर में सामान्य जनजीवन पंगु हो गया है। भीड़ ने सोपोर में एक पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया और कश्मीर में अन्य सुरक्षा प्रतिष्ठानों के साथ पुलवामा में वायुसेना के हवाई अड्डे को निशाना बनाया। पथराव की घटनाओं में भी कमी नहीं आई है। वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल हिंसा पर काबू पाने के प्रयासों में शामिल होने के लिए केन्या से स्वदेश रवाना हो गए। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 800 अतिरिक्त जवानों को जम्मू-कश्मीर भेजा गया। इससे पहले, शनिवार को 1,200 जवानों को राज्य पुलिस की मदद के लिए जम्मू-कश्मीर भेजा गया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार को कुलगाम जिले में एक हिंसक घटना में दो लोगों की मौत हो गई। इनके साथ ही इस हिंसा में मरने वालों की संख्या 23 पहुंच गई है, जिसमें एक पुलिसकर्मी भी शामिल है।

श्रीनगर:जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि घाटी में कुछ तत्व अपने निहित स्वार्थों को पूरा करने के लिए अशांति पैदा करने पर आमादा हैं और वे निर्दोष जिंदगियों के साथ खेल रहे हैं। उन्होंने कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने तथा आगे बेकसूर जिंदगियों की क्षति और सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों के नुकसान को रोकने के लिए लोगों का सहयोग मांगा। किसी की पहचान बताए बिना मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ धड़े नौजवानों की लाशों पर राजनीति करने में दिलचस्पी रखते हैं, जबकि सिर्फ इन नौजवानों के परिवार वालों को इस दर्द के साथ हमेशा जीना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर में सैकड़ों ऐसे परिवार हैं जिन्होंने हिंसा में अपने प्रियजनों को खोया है और उनको खुदा के रहमो-करम पर छोड़ दिया गया। महबूबा ने कहा कि ज्यादातर परिवार बहुत बुरी स्थिति में जी रहे हैं और उनको रोजमर्रा की जीविका के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

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