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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि उन्‍होंने केंद्र को बताया है कि जब तक सुरक्षाबल अधिकतम संयम नहीं बरतते और प्रदर्शनकारियों की जान लेना बंद नहीं करते, तब तक घाटी में हिंसा खत्म नहीं होगी। उमर ने ट्विटर पर लिखा, ''गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी ने सोमवार ने मुझसे बात की। मैंने उन्‍हें बताया कि जब तक सुरक्षा बल अधिकतम संयम नहीं बरतते और प्रदर्शनकारियों की जान लेना बंद नहीं करते.. इस हिंसा का दुष्चक्र बंद नहीं होगा।'' उन्होंने कहा कि घाटी को उसी सूरत में वर्तमान स्थिति से बाहर निकाला जा सकता है जब बल का घातक प्रयोग बंद हो। उन्होंने कहा, ''बल का घातक प्रयोग बंद होने के बाद ही हम घाटी को संकट से बाहर निकालना शुरू कर सकते हैं।'' स्थिति सामान्य करने में हरसंभव मदद का आश्वासन देने वाले विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि इसका दायित्व राज्य और केन्द्र सरकार दोनों पर है। उमर ने लिखा, ''हमारी तरफ से (नेशनल कांफ्रेंस) हम स्थिति सामान्य करने में मदद के लिए हर जरूरी भूमिका निभाएंगे। लेकिन दायित्व राज्य और केंद्र सरकार दोनों का है।'' उन्होंने कहा, ''इसके साथ घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित होना चाहिए और अस्‍पतालों में सभी जरूरी आपूर्ति का पर्याप्त भंडार होना चाहिए।''

नई दिल्ली: विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कहा कि कश्मीर की स्थिति 1990 के उस दौर के समान है जब आतंकवाद शीर्ष पर था, साथ ही सरकार से पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों को देखते ही गोली मारने समेत अन्य सख्त कदम उठाने की मांग की। विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन ने कहा, ‘कश्मीर में जो कुछ हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। हिजबुल कमांडर वानी के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया दुर्भाग्यपूर्ण है। घाटी में वर्तमान स्थिति 1990 के जैसी हो गई है।’ उन्होंने कहा, ‘यह समय ऐसा कहने का नहीं है कि ये भटके हुए लोग हैं। पाकिस्तान समर्थित लोगों को अलग थलग किये जाने की जरूरत है और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाये जाने की जरूरत है, यहां तक कि अगर जरूरत हो तो देखते ही गोली मारने की।’ अमरनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं पर हमले का आरोप लगाते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने कहा कि यह अस्वीकार्य है और हिन्दुओं पर निशाना साधने के गंभीर परिणाम होंगे।

श्रीनगर: कश्मीर में जारी हिंसा में रविवार को एक पुलिसकर्मी समेत छह और लोग मारे गये और मृतकों की संख्या 21 पहुंच गयी वहीं 200 से अधिक लोग घायल हो गये हैं। विपक्षी नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी कश्मीर में शांति बहाल करने की दिशा में योगदान देने के लिए तैयार है, लेकिन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को प्रवक्ता या पुलिस अधिकारियों के पीछे ‘छिपने’ की जगह मार्ग दिखाने के लिए आगे आना चाहिए। घाटी में कर्फ्यू जैसी पाबंदी लागू है और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित बनी हुई हैं। हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुहरान वानी की मौत के बाद फैली हिंसा के मद्देनजर आज दूसरे दिन अमरनाथ यात्रा भी निलंबित रही। कुछ फंसे हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। बहरहाल, कश्मीर में बेस कैम्प से यात्रा जारी रही। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘प्रिय महबूबा मुफ्ती हम हमेशा शांति बहाल करने की दिशा में योगदान देने के लिए तैयार रहे हैं, लेकिन आपको आगे आना चाहिए और मार्ग दिखाना चाहिए।’ पूर्व मुख्यमंत्री पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार की उस अपील पर जवाब दे रहे थे जिसमें उसने कहा था कि राज्य में शांति बहाली के सरकार के प्रयासों में मदद के लिए मुख्यधारा के समूहों और अलगाववादी समूहों सहित सभी पक्षों को योगदान देना चाहिए। उमर ने कहा, ‘मैं आपको (महबूबा) आश्वासन दे सकता हूं कि हम आपके नेतृत्व का पालन करेंगे, लेकिन नेतृत्व हर हाल में आपको करना चाहिए।’ वह संभवत: मुख्यमंत्री के रूप में अपने अनुभव का हवाला दे रहे थे जब 2010 में गर्मियों के दौरान घाटी में हुए विरोध प्रदर्शनों में लगभग 120 लोग मारे गए थे।

श्रीनगर: कश्मीर के अनंतनाग जिले में रविवार को भीड़ द्वारा मोबाइल बंकर वाहन को झेलम नदी में धकेल दिये जाने के कारण एक पुलिस ड्राइवर की मौत हो गयी जबकि शनिवार को एक थाने पर भीड़ के हमले के बाद लापता हुए तीन पुलिसकर्मियों का अबतक कुछ पता नहीं चला है। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार एक अन्य घटना में कल रात पुलवामा जिले के त्राल में एक हेडकांस्टेबल के दोनों पैरों में आतंकवादियों ने गोली मार दी। शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘पुलिस के एक मोबाइल बंकर को प्रदर्शनकारियों द्वारा नदी में धकेल दिया गया औेर उसका ड्राइवर एसपीओ फिरोज की मौत हो गयी।’ कल एक थाने पर भीड़ के हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘तीन पुलिसकर्मी अब भी अपहृत है। वैसे कई लोग अगवा किए गए लेकिन कुछ लौट आए हैं।’ दक्षिण कश्मीर दमहाल हांजीपुरा में उस हमले में भीड़ ने 20 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया, उनके हथियार छीन लिए और गोली चलाकर तीन पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया।

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