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नई दिल्ली: भारतीय रेलवे भी होटलों और विमानन कंपनियों की तर्ज पर टिकट बुकिंग पर छूट देने की तैयारी में है। इसके तहत रेलगाड़ी के पूरा बुक नहीं होने पर रेलवे विमानन कंपनियों और होटल की तरह टिकट में छूट दे सकती है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को फ्लेक्सी किराये में पूरी तरह से सुधार करने के संकेत देते हुए यह बात कही। गोयल की यह टिप्पणी फ्लेक्सी किराये स्कीम की समीक्षा के लिए छह सदस्यीय समिति के गठन के बाद आई।

वरिष्ठ अधिकारियों के एक दिवसीय सम्मेलन के बाद गोयल ने कहा, "रेलवे, विमानन कंपनी और होटलों के डायनमिक प्राइसिंग प्रारूप का अध्ययन कर रहा है। हम डायनमिक प्राइसिंग नीति पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। अभी तक हमारा ध्यान कीमतें न बढ़ें इस पर था लेकिन मैं इससे आगे जाना चाहता हूं। मैं ऐसी संभावना तलाश रहा हूं कि अगर रेलगाड़ी की सीटें नहीं भरे तो विमानन कंपनियों की तरह किराये में रियायत दी जा सके।"

गोयल ने कहा, "हम इसमें अश्विनी लोहानी की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करेंगे...जैसे होटलों में डायनामिक प्राइसिंग है। सबसे पहले कीमतें कम... फिर बाद में कीमतें बढ़ती जाती है और बाद में बचे कुछ कमरों पर बुक माय होटल और अन्य वेबसाइटों के माध्यम से छूट की पेशकश होती है।"

नई दिल्ली: राज्यों के बीच आयात निर्यात को लेकर फर्जी बिलों द्वारा टैक्स चोरी रोकने के लिए जीएसटी काउंसिल ने ई-वे बिल लागू करने का शेड्यूल तैयार कर लिया है। 16 जनवरी से ई-वे बिल सिस्टम का ट्रायल रन शुरू किया जाएगा और 1 जून से यह देशभर में लागू हो जाएगा। राज्यों के बीच होने वाले आयात-निर्यात को लेकर धडल्ले से टैक्स चोरी हो रही है।

इसी पर लगाम लगाने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में ई-वे बिल का मसौदा तैयार किया गया है। मसौदे के तहत 1 फरवरी से राज्यों के बीच (अंतराज्यीय) और 1 जून से राज्य के भीतर (अंतर जिला)वस्तुओं की खरीद फरोख्त के लिए ई-वे बिल आवश्यक हो जाएगा। सरकार इसकी औपचारिक घोषणा दो दिन के अंदर कर सकती है।

ई-वे बिल के तहत 50,000 रुपए से अधिक के अमाउंट के प्रोडक्ट की राज्य या राज्य से बाहर ट्रांसपोर्टेशन या डिलीवरी के लिए सरकार को पहले ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए बताना होगा। इसके तहत ई-वे बिल जनरेट करना होगा जो 1 से 15 दिन तक मान्य होगा। यह मान्यता प्रोडक्ट ले जाने की दूरी के आधार पर तय होगी।

अहमदाबाद: रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप ने कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी पर "झूठे तथा अपमानजनक" बयानबाजी का आरोप लगाते हुए गुजरात हाई कोर्ट में 5,000 करोड़ रुपए का मानहानि का दावा ठोका है। कंपनी सूत्रों के मुताबिक, "कांग्रेस नेता ने समूह के खिलाफ झूठे और अपमानजनक बयान दिए। हमने इसके लिए उनके खिलाफ पांच हजार करोड़ रुपए मुआवजा का केस दायर किया है।

सिंघवी ने 30 नवंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को निशाने पर लेते हुए कहा था कि वह यह कहकर लोगों को "बेवकूफ" बना रहे हैं कि सरकार ने बड़े डिफॉल्टरों के लोन माफ नहीं किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने विलफुल डिफाल्टरों (जानबूझ कर लोन नहीं चुकाने वालों) के 1.88 लाख करोड़ रुपए के लोन माफ किए हैं।

उन्होंने कहा था- "हम सभी जानते हैं कि टॉप 50 कॉर्पोरेट बैंकों के पास बैंकों का 8.35 लाख करोड़ रुपए बकाया है। इनमें से टॉप तीन गुजरात स्थित कंपनियां- रिलायंस (अनिल अंबानी ग्रुप), अडानी तथा एस्सार हैं, जिन पर तीन लाख करोड़ रुपए बकाया हैं।"

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश लगातार दूसरे साल देश का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य है। इस साल यानी पेराई सत्र 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में प्रदेश में चीनी का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 16-17 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 101 लाख टन रहने का अनुमान है। पिछले साल प्रदेश में 87 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। इस साल महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 74 लाख टन रहने का अनुमान है जोकि देश का दूसरा प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य है।

चीनी उद्योग का शीर्ष संगठन इंडियन सुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि इस साल चीनी का उत्पादन और खपत तकरीबन एक समान है इसलिए आयात करने की जरूरत नहीं होगी।

उधर, उत्तर प्रदेश के एक मिल संचालक ने कहा कि पिछले साल गन्ना किसानों को समय पर भुगतान होने से किसानों के लिए यह लाभकारी फसल रही है जिसके कारण किसानों ने इसकी खेती में दिलचस्पी ली है। साथ ही, रिकवरी में इजाफा होने से मिलों को भी फायदा हो रहा है। लेकिन बीते कुछ दिनों में चीनी की कीमतों में अप्रत्याशित गिरावट से चीनी मिलों के लिए मुसीबत पैदा हो गई है।

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