टोरंटो: उत्तरी अमेरिका के हिंदू गठबंधन (सीओएचएनए) और इजराइली यहूदी मामलों के केंद्र (सीआईजेए) के कनाडाई अध्याय ने टोरंटो विवि के विक्टोरिया कॉलेज में विश्वविद्यालयों और अकादमिक सेटिंग्स में यहूदी विरोधी भावना तथा हिंदूफोबिया पर एक सत्र आयोजित किया।
अमेरिकी वक्ताओं ने की नफरत दूर करने की अपील
बढ़ती चुनौतियों पर इस सत्र में अमेरिकी वक्ताओं ने हिंदूफोबिया और यहूदी विरोधी भावना पर अपना शोध साझा कर हिंदुओं के खिलाफ नफरत को दूर करने के लिए प्रभावी कार्रवाई की मांग की। सत्र के दौरान जोएल फिंकेलस्टीन ने यहूदी-हिंदू सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि ऐसी साझेदारी उन समाजों में जरूरी है जो तर्कसंगत चर्चा और मानव जीवन की गरिमा को प्राथमिकता देते हैं। ये साझा सिद्धांत आपसी सुरक्षा व चिंता के लिए एक आधार प्रदान करते हैं, जो मानव गरिमा और विचारों को दबाने के प्रयासों का विरोध करने के लिए मिलकर काम करने वाले विभिन्न संगठनों की ओर इशारा करते हैं। इससे समुदायों के बीच सहयोग की जरूरत प्रदर्शित होती है।
उन्होंने कहा कि ये प्रयास अक्सर हिंसक और आत्ममुग्ध ताकतों से पैदा होते हैं। सत्र में बड़ी संख्या में भारतवंशियों ने हिस्सा लिया।
छात्रों से साझा कीं चुनौतियां
हिंदू छात्र परिषद (एचएससी) कनाडा ने ओसीएडी विवि में अभिवादन सत्र के दौरान हिंदू छात्र नेताओं को उनके अनुभव और चुनौतियों को साझा करने का मौका दिया। कार्यक्रम में छात्रों ने हिंदूफोबिया का सामना करने के संदर्भ में अपनी चिंताएं जताईं। बाद में छात्रों ने जय श्री राम का नारा भी लगाया। हिंदू छात्र परिषद ने युवाओं से मजबूत नेता बनने की पैरवी की। खुशी नाम की अन्य छात्रा ने हिंदू छात्र परिषद को बेहद अहम बताया, क्योंकि यह सामाजिक संगठन को मजबूती देती है।
अमेरिका में भी हिंदुओं के समर्थन में रैली
अमेरिका में भारतवंशियों ने कनाडा और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा के विरोध में सिलिकॉन वैली में एकजुटता रैली निकाली। समुदाय के नेताओं ने बांग्लादेश व कनाडा में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए उन देशों की सरकार पर दबाव बनाने का अमेरिकी प्रशासन से आग्रह किया।