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नई दिल्ली: जीडीपी का अनुमान लगाने वाली सरकारी एजेंसी ने अपने पहले अग्रिम अनुमान में यह बात कही है। नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में यह सबसे कम वृद्धि दर होगी।

सरकारी एजेंसी केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय आय 2017-18 का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया। पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी, जबकि इससे पिछले साल यह 8 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर थी। 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत थी।

सीएसओ ने कहा, चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत रही थी। वास्तविक सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) के आधार पर 2017-18 में वृद्धि 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले साल 6.6 प्रतिशत थी।

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन यानी दोबारा पूंजी निर्माण के मद में सरकार ने गुरुवार को 80 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च के लिए संसद की अनुमति मांगी। वित्त राज्यमंत्री पी. पी. चौधरी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से वर्ष 2017-18 के लिए अनुपूरक मांग की तीसरी खेप लोकसभा में मंजूरी के लिए पेश की।

अनुपूरक अनुदान बाद में राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया। अतिरिक्त खर्च की मांग सार्वजनिक 'बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन पर होने वाले अतिरिक्त व्यय की पूर्ति के लिए की गई है, जोकि सरकारी सिक्योरिटीज की इश्यू के माध्यम से किया जाएगा।'

आर्थिक विकास की गति तेज करने के मकसद से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी क्षेत्र के बैंकों को प्रोत्साहन पैकेज प्रदान करने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये की रिकैपिटलाइजेशन की योजना को अक्टूबर में मंजूरी प्रदान की थी।

नई दिल्ली: राज्यसभा में आज विपक्षी दलों के कई सदस्यों द्वारा विभिन्न सार्वजनिक बैंकों की गैर निष्पादक आस्तियां (एनपीए) लगातार बढ़ने पर चिंता जताने और बड़े कर्जदारों के नाम सार्वजनिक किए जाने का सुझाव देने के बीच सरकार ने कहा कि अधिकतर बड़े एनपीए वे रिण हैं जो अप्रैल 2014 से पहले दिये गये।

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा के सदस्य नीरज शेखर के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, ‘‘जहां तक संख्या बढ़ने का प्रश्न है, मैं उसे स्पष्ट कर दूं कि बैंकों का कुल एनपीए, जो 2014 में था, उसके पीछे पाया गया कि कई बैंक कर्जों को बार-बार ‘‘एवरग्रीन’’ करते थे यानी उसी कर्ज को दोबारा आगे बढ़ाते जाते थे, जिसकी वजह से पुस्तकों के अंदर तो वह कर्ज होता था, लेकिन कर्ज वास्तविकता में एक प्रकार से नॉन-परफॉर्मिंग (फंसा हुआ) हो चुका था।’’

जेटली ने कहा, ‘‘लिहाजा, 2015 में आरबीआई ने हर बैंक की कर्ज समीक्षा (ऐसेट रीव्यू) की और पाया कि बही खातों में जो परफॉर्मिंग (कर्ज चुकाते हुए) दिखते हैं वो वास्तविकता में परफॉर्मिंग नहीं हैं, ब्याज भी नहीं दे पा रहे । इनका केवल मानकीकरण किया जा रहा है और इनको एनपीए में गिनना चाहिए । तो उन्हें छुपाने की बजाय स्पष्टता से सामने दिखा दिया गया । ये एनपीए बढ़ने का पहला कारण था ।’’

मुंबई: एयर इंडिया के प्रमुख प्रदीप सिंह खरोला ने कर्मचारियों को भेजे संदेश में कहा है कि एयरलाइन के पुनरोद्धार के लिए पेशेवर और उत्पादक कार्य संस्कृति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि हम नष्ट नहीं होना चाहते हैं तो हमें अपना काम करना ही होगा। खरोला इसी महीने एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक का पदभार संभाला है। 

उन्होंने कहा कि एयरलाइन को संकट से निकालने की जिम्मेदारी सभी पर है। उल्लेखनीय है कि सरकार एयर इंडिया के विनिवेश की तैयारी कर रही है। कर्मचारियों को नए साल के संदेश में खरोला ने कहा, ''हमें पेशेवर और उत्पादक कार्य संस्कृति को अपनाना होगा। एयरलाइन को संकट से निकालने के लिए यह जरूरी है। आपके कठिन परिश्रम से हाल के समय में कुछ परिचालन मानकों पर एयर इंडिया की स्थिति सुधरी है, लेकिन अभी हमें लम्बा रास्ता तय करना है।'

सरकार फिलहाल घाटे में चल रही एयरलाइन के विनिवेश के तौर तरीके पर काम कर रही है। खरोला ने कर्मचारियों से यह भी कहा कि उन्हें अपने पूरे प्रयास करने होंगे और सभी बाधाओं को दूर करना होगा, जिससे एयरलाइन को फिर उसकी क्षमता के स्तर पर लाया जा सके।

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