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नई दिल्ली: अगले वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की दर से आगे बढ़ सकती है वहीं मोदी सरकार के अगले आम बजट में खेती-किसानी को प्रमुखता मिलने की संभावना है। औद्योगिक संगठन एसोचैम की तरफ से जारी रिपोर्ट में बताया गया है भारतीय अर्थव्यवस्था नोटबंदी और गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के प्रभाव से उबरते हुए 7 फीसदी के ग्रोथ रेट को छू सकती है।

एसोचैम की तरफ से अगले साल 2018 के लिए जारी 'परिदृश्य' के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले सरकारी नीतियां ग्रामीण क्षेत्रों की ओर झुकी होंगी और अर्थव्यवस्था 2018 में नोटबंदी और जीएसटी के प्रतिकूल असर को पार करते हुए सात फीसदी की दर पर पहुंच जाएगी।

गौरतलब है कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 6 फीसदी से भी नीचे फिसलकर 5.7 फीसदी हो गई थी, जो पिछले तीन सालों का न्यूनतम स्तर है। हालांकि दूसरी तिमाही में जीडीपी बढ़कर 6.3 फीसदी हो गई।

नई दिल्ली: नए साल में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पूरी तरह से डिजीटल हो जाएगा। इसकी सारी सर्विसेज डिजिटल हो जाएंगी। इसका नए साल से ईपीएफओ के 4.6 करोड़ अंशधारकों को बढिय़ा सर्विस मिलेगी। इसके साथ ही स्टॉक मार्केट में निवेश करने की सीमा को बढ़ाया जाएगा।

सेंट्रल पीएफ कमिश्नर वीपी जॉय ने कहा कि पीएफ अकाउंट को आधार से जोड़ा जाएगा। पीएफ अकाउंट को यूएएन से लिंक करने के बाद अब अपने करोड़ों अंशधारकों को एक और तोहफा दे दिया है। अब पीएफ खाताधारकों को नौकरी बदलने के बाद अपना अकाउंट नहीं बदलना पड़ेगा।

वीपी जॉय ने कहा कि अगले महीने से जैसे ही कोई व्यक्ति अपनी नौकरी को बदलेगा, वैसे ही उसका पीएफ अकाउंट चेंज हो जाएगा और पुराने अकाउंट को बंद करने की परेशानी से भी मुक्ति मिलेगी। पीएफ खातों को आधार से लिंक किया जा रहा है। आधार से लिंक होने के बाद पीएफ खाता परमानेंट हो जाएगा जिसको भविष्य में चेंज करने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

नई दिल्ली: टाटा टेलीसर्विसेज, टेलीनॉर और वीडियोकॉन जैसी अन्य 2 कंपनियों ने अपने राजस्व को घटाकर दिखाया जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है। भारत के महालेखा एवं परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 टेलिकॉम कंपनियों का राजस्व 14,800 करोड़ रुपये से अधिक है, लेकिन इसे कमतर करके दिखाने से सरकारी खजाने को करीब 2,578 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार को लाइसेंस फीस के रुप में 1,015.17 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि स्पेक्ट्रम चार्जेस में 511.53 करोड़ रुपये और भुगतान में देरी पर लगे ब्याज से 1,052.13 करोड़ रुपये ही मिले। सीएजी ने कहा, ऑडिट में पाया गया कि पांच पीएसपी (निजी क्षेत्र की कंपनियों) ने वित्त वर्ष 2014-15 की अवधि में एजीआर (समायोजित सकल राजस्व) 14,813.97 करोड़ रुपये दर्ज किया और भारत सरकार को 1,526.7 करोड़ रुपये राजस्व घटा कर दिखाया।

नई दिल्ली: पिछले साल 8 नवंबर को देश में नोटबंदी लागू की गई थी जिसके कारण 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटो को चलन से बाहर किया गया था। अब नोटबंदी के एक साल बाद 500 रुपए के नए नोटो की छपाई के लिए सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जिसकी जानकारी सरकार ने लोकसभा में दी है।

वित्त राज्य मंत्री पी. राधाकृष्णन ने बताया कि 500 रुपए के कुल 1,695.7 करोड़ नए नोट 8 दिसंबर तक छापे गए है जिसकी छपाई पर 4,968.84 करोड़ रुपए खर्च किए गए है। राधाकृष्णन ने बताया कि आरबीआई ने 2000 रुपए के 365.4 करोड़ नोट प्रिंट किए है उसकी छपाई पर भी 1,293.6 करोड़ रुपये लगात आई है। इसी तरह 200 रुपये के 178 करोड़ नोट की छपाई पर 522.83 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

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