नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद् के सदस्य तथा बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी ने आज संकेत दिया कि पेट्रोल और डीजल को भविष्य में नई कर व्यवस्था के दायरे में लाने के बावजूद उनकी कीमतों में राहत की उम्मीद नहीं है।
मोदी ने आज यहां उद्योग संगठन फिक्की की 90वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुये कहा, दुनिया के जिस भी देश में पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी में शामिल किये गये हैं वहाँ उन्हें उच्चतम स्लैब में तो रखा ही गया है, साथ ही अतिरिक्त उपकर लगाने का अधिकार भी सुरक्षित रखा गया है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद् ने पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने के लिए पहले से संवैधानिक व्यवस्था कर काफी अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि कुल राजस्व में पेट्रोलियम पदार्थों की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। उल्लेखनीय है कि देश में जीएसटी लागू होने के बावजूद शराब, बिजली तथा पेट्रोलियम पदार्थों आदि को अभी इससे बाहर रखा गया है। इन पर अब भी पुरानी व्यवस्था के तहत ही कर लगता है।
इंडियन ऑयल के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल की खुदरा कीमत 69.07 रुपये प्रति लीटर है जिसमें 34.16 रुपये यानी 49.46 प्रतिशत कर (वैट एवं उत्पाद कर) है। डीजल की खुदरा कीमत 58.33 रुपये प्रति लीटर है जिसमें 23.95 रुपये यानी 41.06 प्रतिशत कर है। जीएसटी में कर की उच्चतम दर अभी 28 प्रतिशत है तथा अस्वास्थ्यकर एवं लग्जरी उत्पादों पर 25 प्रतिशत तक के उपकर का प्रावधान है।
मोदी ने बाद में इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि अभी बहुत जल्दी पेट्रोलियत उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने की योजना नहीं है। अक्टूबर और नवंबर में जीएसटी से प्राप्त राजस्व में कमी आयी है। पहले परिषद् राजस्व संग्रह में स्थिरता आने का इंतजार करेगी और उसके बाद इस तरह के फैसले समय आने पर किये जायेंगे।