मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की है। कुल 288 सीटों में से बीजेपी ने अकेले 132 सीटें जीतीं। बीजेपी+ यानि महायुति ने कुल 230 जीती हैं। इनमें शिवसेना (एकनाथ शिंदे) गुट की हिस्सेदारी 57 सीटें हैं, जबकि 41 सीटों का योगदान एनसीपी (अजित पवार गुट) ने दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को सरकार बनाने का जनमत तो मिल गया है, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर पेच फंसा हुआ है। बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिलने से सीएम पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे ऊपर है। सवाल ये है कि सीएम की कुर्सी पर फडणवीस को बैठाने का फैसला एकनाथ शिंदे को मंजूर होगा? अगर देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, तो फिर शिंदे क्या करेंगे? वो केंद्र में जाएंगे या डिप्टी की जिम्मेदारी संभालेंगे?
132 सीटें मिलने से बीजेपी का तो दावा मजबूत हुआ है, लेकिन शिंदे की शिवसेना भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। नतीजे आने के दो दिन बाद भी मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला नहीं हो पाया है। इस बीच एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ था। तीनों दल बैठकर इस पर फैसला लेंगे।
26 नवंबर को खत्म हो रहा विधानसभा का कार्यकाल
गौर करने वाली बात ये है कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है। इससे पहले सरकार बनानी जरूरी है। ऐसा न होने पर राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ेगा। ऐसे में बीजेपी और महायुति को सीएम का नाम जल्द से जल्द तय करना होगा।
शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, "एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए, क्योंकि लाड़ली बहिण योजना का आइडिया उनका ही था। इसका महायुति को बहुत फायदा हुआ है।" शिंदे गुट के नेता बिहार पैटर्न की याद दिलाने से भी नहीं चूक रहे हैं।
नंबर के हिसाब से बीजेपी कॉन्फिडेंट
हालांकि, नंबर के हिसाब से बीजेपी आश्वस्त है कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन उनके नेताओं का कहना है कि फैसला दिल्ली में होगा। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले कहते हैं, "महाराष्ट्र में नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला हाईकमान को करना है।"
बीजेपी भले ही खुलकर बोलने में हिचक रही हो, लेकिन ज़्यादातर राजनीतिक विश्लेषकों और आम लोगों का भी मानना है कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री पद के असली हकदार हैं।
शिंदे गुट के पास कोई ऑप्शन भी नहीं
सवाल है कि अगर देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, तो एकनाथ शिंदे क्या करेंगे? जानकारों का मानना है कि पहले मुख्यमंत्री रह चुके देवेंद्र फडणवीस अगर अपने से जूनियर मंत्री रहे एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री बनकर रह सकते हैं, तो देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में एकनाथ शिंदे क्यों नहीं ऐसा कर सकते? बीजेपी की संख्या बल को देखते हुए आखिर उनके पास दूसरा कोई विकल्प भी तो नहीं है।
देवेंद्र फडणवीस को मिले कितने वोट?
देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर साउथ वेस्ट सीट से चुनाव जीता है। उन्होंने कांग्रेस के प्रफुल्ल गुडधे को हराया है। फडणवीस को 1 लाख 29 हजार 401 वोटों के अंतर से जीत मिली है। उनका वोट पर्सेंटेज 56.55 फीसदी रहा।
एकनाथ शिंदे को मिले कितने वोट?
एकनाथ शिंदे ने कोपरी-पचपखड़ी सीट से चुनाव लड़ा था। उनका मुकाबला अपने राजनीतिक गुरु आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे के साथ था। शिंदे को एक लाख 59 हजार वोट मिले। जबकि शिवसेना (यूबीटी) के केदार दिघे को मात्र 38 हजार वोट मिले हैं। यानि शिंदे को 1,20,717 वोटों के मार्जिन से जीत मिली।
अजित पवार को मिले कितने वोट?
अजित पवार ने बारामती से चुनाव लड़ा था। उनके सामने एनसीपी (शरद पवार) से युगेंद्र पवार थे। अजित पवार युगेंद्र पवार के चाचा लगते हैं। इस चुनाव में अजित पवार 1.81 लाख वोटों से जीते हैं। युगेंद्र को मात्र 80 हजार वोट मिले।
इस चुनाव में बीजेपी 149 सीटों पर लड़ी और 132 सीटें जीतीं। बीजेपी का स्ट्राइक रेट 88% रहा। हालांकि, वोट शेयर (26.77%) में मामूली इजाफा हुआ। 2019 के चुनाव में पार्टी का वोट शेयर 26.10% था। 2024 के चुनाव में 0.67 वोट मार्जिन के साथ बीजेपी को 27 सीटों का फायदा हुआ है।