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लखनऊ: यूपी में अब आलू किसानों को लेकर सियासत गर्मा रही है। समाजवादी पार्टी ने आलू विधानसभा के सामने फेंकने के मामले में गिरफ्तारी पर सपा का नाम लेने पर लखनऊ के एसएसपी पर नाराजगी जताई है। साथ ही ऐलान किया कि किसानों की समस्याओं को लेकर 27 जनवरी को पूरे प्रदेश में तहसील स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

उन्होंने लखनऊ एसएसपी द्वारा सपा का नाम लेने पर चेतावनी दी, ‘कप्तान अपनी हैसियत में रहें।’ अखिलेश यादव ने यह बात ने पार्टी के छात्र नेताओं के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि कप्तान अपराधियों को पकड़ने के बजाए किसानों को पकड़ रहे हैं। क्या वह किसानों को आलू की कीमत दिलवा सकते हैं। उन्होंने तंज किया कि सपा सरकार बनने पर लखनऊ के कप्तान को यश भारती से सम्मानित किया जाएगा।

आलू फेंकने की घटना में सपा कार्यकर्ताओं के शामिल होने की बात मानते हुए अखिलेश ने कहा यह तो आलू किसानों का आंदोलन है। इस मामले गिरफ्तार लोग यदि सपा से चुनाव लड़ चुके हैं तो इसमें बुराई क्या है? वह किसानों से कहेंगे कि वह शीतगृह में सड़ रहे आलू को निकाल कर एक-एक बोरा डीएम को भेंट करें।

लखनऊ: अब किसी भी धर्मस्थल पर लगे लाउडस्पीकर अनुमति के बिना नही बजाए जाएंगे। इसके लिए अनुमति लेना जरूरी होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो वहां पर लगे लाउड स्पीकर को उतार लिए जाएंगे। धर्मस्थलों के सत्यापन के लिए पुलिस को निर्देश भी दे दिया गया है।

दरअसल, ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाई कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से निर्देश जारी हुआ है कि 15 जनवरी तक लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति ले ली जाए वरना 16 जनवरी से लाउडस्पीकर हटाए जाने की मुहिम चलाई जायेगी। यह अभियान 20 जनवरी तक चलाया जाएगा और इसकी रिपोर्ट शासन को दी जाएगी।

इस अल्टीमेटम के बाद अनुमति लेने के लिए लोगों के बीच होड़ सी मच गई है। जगह -जगह फॉर्म भरने के लिए संगठन सक्रिय नजर आए और लखनऊ में इसी तरह के कैंप पर भारी भीड़ भी देखने को मिली।

लखनऊ: बीती छह जनवरी की रात को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास और विधानसभा भवन के बाहर सड़क पर किसानों ने आलू फेंक कर अपना विरोध प्रकट किया था। रात में गुपचुप तरीके सड़कों पर बिखेरे गए आलुओं को देखकर सुबह प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने आनन-फानन में कार्रवाई कर कई पुलिसकर्मियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया था। आज शनिवार को पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग किसान नहीं हैं और ना ही किसी किसान संगठन से इनका कोई संपर्क नहीं है। गिरफ्तार किए गए दोनों लोग नगर पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ चुके हैं।

बता दें कि यूपी में किसान आलू की कम कीमतें मिलने से परेशान हैं। किसानों का इस समय आलू की कीमत पैसों में मिल रही है। इससे किसानों को उनकी फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है। किसानों ने सरकार से आलू की कीमत 10 रुपये किलो करने की मांग की थी, लेकिन सरकार पर उनकी मांग का कोई असर नहीं हुआ। परेशान किसानों ने मुख्यमंत्री आवास और विधानसभा के सामने आलू फेंक कर अपना गुस्सा जाहिर किया। सुबह जब प्रशासन को इस बात की खबर लगी तो हड़कंप मच गया।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश इन दिनों भगवा रंग से रंग रहा है। मुख्यमंत्री सचिवालय, हज हाउस, थाने, सरकारी स्कूल के बाद अब टॉयलेट (शौचालय) भगवा रंग से रंगे जा रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत इटावा शहर अमृतपुर में 100 टॉयलेट बनाए गये हैं। जिन पर प्रधान वेदपाल सिंह के आदेशानुसार भगवा पुताई की गई है।

टॉयलेट को भगवा रंग से किये जाने पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आड़े हाथों लिया है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा शौचालय तक को भगवा रंग में रंगकर धर्म का अपमान कर रही है। उसने शौचालय को इज्जतघर नाम देकर उसकी इज्जत पर भी रंग पोत दिया है।

उन्होंने कहा, मैं कह रहा हूं कि रंग बदलने से खुशहाली नहीं आएगी। रंग बदलने से कुछ होने वाला नहीं है। होली के बाद जनता भाजपा का ही रंग बदल डालेगी। अखिलेश ने कहा कि भाजपा अफवाहें फैलाती हैं और जनता का ध्यान बुनियादी मुद्दों से हटाने का काम करती है। सिर्फ ध्यान हटाने के लिए सरकार पुताई का काम करती है, जिससे लोगों का ध्यान उधर न जाए।

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