लखनऊ: बीती छह जनवरी की रात को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास और विधानसभा भवन के बाहर सड़क पर किसानों ने आलू फेंक कर अपना विरोध प्रकट किया था। रात में गुपचुप तरीके सड़कों पर बिखेरे गए आलुओं को देखकर सुबह प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने आनन-फानन में कार्रवाई कर कई पुलिसकर्मियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया था। आज शनिवार को पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग किसान नहीं हैं और ना ही किसी किसान संगठन से इनका कोई संपर्क नहीं है। गिरफ्तार किए गए दोनों लोग नगर पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ चुके हैं।
बता दें कि यूपी में किसान आलू की कम कीमतें मिलने से परेशान हैं। किसानों का इस समय आलू की कीमत पैसों में मिल रही है। इससे किसानों को उनकी फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है। किसानों ने सरकार से आलू की कीमत 10 रुपये किलो करने की मांग की थी, लेकिन सरकार पर उनकी मांग का कोई असर नहीं हुआ। परेशान किसानों ने मुख्यमंत्री आवास और विधानसभा के सामने आलू फेंक कर अपना गुस्सा जाहिर किया। सुबह जब प्रशासन को इस बात की खबर लगी तो हड़कंप मच गया।
अधिकारियों ने आनन-फानन में सड़कों से आलू उठवाने का काम करवाया, लेकिन तब तक वाहनों के नीचे आकर आलू चारों तरफ फैल चुके थे। मामला सामने आने के बाद लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि आलू फेंकने वाले किसानों और वाहनों की पहचान हो गई हैं। इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। लखनऊ ही नहीं प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी आलू किसान सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।