पेरिस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पेरिस में एआई 'एआई एक्शन समिट' की सह अध्यक्षता की। समिट के दौरान उन्होंने अगले एआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी की पेशकश की। पीएम मोदी ने कहा कि शिखर सम्मेलन में हुई चर्चाओं में सामने आया है कि हितधारकों के दृष्टिकोण और उद्देश्य में एकता है। इस एक्शन शिखर सम्मेलन की गति को आगे बढ़ाने के लिए भारत अगले शिखर सम्मेलन की मेजबानी करके खुश होगा। उन्होंने एआई फाउंडेशन और एआई परिषद की स्थापना के निर्णय का स्वागत किया। साथ ही फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को बधाई दी।
समिट के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने कहा कि अगला एआई शिखर सम्मेलन इस साल के अंत में भारत में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एआई पर भारत की नीति नवाचार की संभावना और संभावित नुकसानों के बारे में जागरूक होने के साथ-साथ अधिक उत्पादकता और अवसर प्रदान करने पर रही है। भारत ने समावेशी और टिकाऊ एआई पर नेताओं के बयान का समर्थन किया है और सार्वजनिक हित के लिए एआई को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा, भारत ने एआई फाउंडेशन और एआई परिषद की स्थापना का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि हमने जी20 में भी एआई को शामिल किया है। जी20 घोषणापत्र के एक हिस्से में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि एआई और समावेशी एआई के संदर्भ में क्या किए जाने की आवश्यकता है। अफ्रीकी संघ और विभिन्न अन्य संस्थाओं को जी20 में लाया गया था, इसलिए यह बिल्कुल स्पष्ट था कि हम इस विशेष स्थान में ग्लोबल साउथ के लिए बोल रहे थे। हमारे पास पहले से ही 17 देशों के साथ समझौता ज्ञापन हैं और यह बढ़ रहा है। आज प्रधानमंत्री ने कहा कि समावेश की आवश्यकता है और ग्लोबल साउथ को इसमें शामिल होने की आवश्यकता है। अगले शिखर सम्मेलन में भी हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्लोबल साउथ का पर्याप्त प्रतिनिधित्व हो।
साइबर सुरक्षा और डीपफेक के लिए बेहतर तकनीक बनानी होगी
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने कहा कि अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने भी कहा कि साइबर सुरक्षा और डीपफेक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर विचार किया जाना चाहिए और कुछ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। हमारे कानून में डीपफेक और गलत बयानी से निपटने के लिए कई प्रावधान हैं। आईटी एक्ट और बीएनएस में प्रावधान हैं। इसके तहत कानून लागू करने वाली एजेंसियां, पुलिस और दूसरी एजेंसियां कार्रवाई करती हैं। इस मामले में हम पूरी तरह से संविधान के तहत काम करते हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(2) के तहत बोलने की आजादी पर कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। डीपफेक के साथ बस एक ही बात है कि इसकी तकनीक बेहतर होती जा रही है। इसलिए इसका पता लगाने में थोड़ी देरी हो रही है। हम जल्द से जल्द इसका पता लगाने के लिए अच्छी तकनीक का इस्तेमाल करना चाहेंगे।
शिखर सम्मेलन भारत-फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी का नया पहलू: मिस्री
समिट के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी कल फ्रांस की यात्रा पर पेरिस पहुंचे। जहां उन्होंने एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री का पेरिस में भारतीय समुदाय ने बहुत गर्मजोशी और उत्साहपूर्ण पारंपरिक स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भाग लिया। इसमें राज्य और सरकार के प्रमुखों और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों, तकनीकी उद्यमी भी शामिल हुए। रात्रिभोज में प्रधानमंत्री ने कई नेताओं और उद्यमों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने एक साथ एआई शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र की सह-अध्यक्षता की। यह शिखर सम्मेलन भारत-फ्रांस की बढ़ती रणनीतिक साझेदारी में एक और पहलू जोड़ता है। यह कई क्षेत्रों में सहयोग के हमारे ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत करता है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सम्मेलन के दौरान एस्टोनिया के राष्ट्रपति अलार कारिस के साथ द्विपक्षीय बैठक की। यह दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक थी और दोनों ने विशेष रूप से आईटी और डिजिटल क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों में बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। दोनों देशों के बीच संस्थागत और लोगों के बीच जुड़ाव बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। इसके बाद शाम को प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति संयुक्त रूप से भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित करेंगे और इसके बाद प्रधानमंत्री मार्सिले के लिए रवाना होंगे, जहां उनके और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच द्विपक्षीय मुलाकात की भी संभावना है।