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लखनऊ: उत्तर प्रदेश इन दिनों भगवा रंग से रंग रहा है। मुख्यमंत्री सचिवालय, हज हाउस, थाने, सरकारी स्कूल के बाद अब टॉयलेट (शौचालय) भगवा रंग से रंगे जा रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत इटावा शहर अमृतपुर में 100 टॉयलेट बनाए गये हैं। जिन पर प्रधान वेदपाल सिंह के आदेशानुसार भगवा पुताई की गई है।

टॉयलेट को भगवा रंग से किये जाने पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आड़े हाथों लिया है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा शौचालय तक को भगवा रंग में रंगकर धर्म का अपमान कर रही है। उसने शौचालय को इज्जतघर नाम देकर उसकी इज्जत पर भी रंग पोत दिया है।

उन्होंने कहा, मैं कह रहा हूं कि रंग बदलने से खुशहाली नहीं आएगी। रंग बदलने से कुछ होने वाला नहीं है। होली के बाद जनता भाजपा का ही रंग बदल डालेगी। अखिलेश ने कहा कि भाजपा अफवाहें फैलाती हैं और जनता का ध्यान बुनियादी मुद्दों से हटाने का काम करती है। सिर्फ ध्यान हटाने के लिए सरकार पुताई का काम करती है, जिससे लोगों का ध्यान उधर न जाए।

प्रधान वेदपाल सिंह ने टॉयलेट का रंग भगवा किये जाने पर कहा कि इसमें क्या समस्या है। उन्होंने कहा, गांव के लोगों ने इस रंग का सुझाव दिया। उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में भाजपा की सरकार बन रही है, तो क्या समस्या है अगर टॉयलेट पर भगवा रंग चढ़ा दिया गया?'

पिछले दिनों राजधानी लखनऊ में हज समिति के कार्यालय पर भी भगवा रंग चढ़ा दिया गया था। विवाद बढ़ने पर हज राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा था कि ऐसे मामलों को तूल देने की कोई जरूरत नहीं है। केसरिया रंग ऊर्जा का प्रतीक है।

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