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लखनऊ: बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी हित से ऊपर उठकर समाज व देशहित में काम किया। इसीलिए उनके बारे में यह कहा जाता था कि वे सही सोच वाले नेता थे, लेकिन हमेशा गलत पार्टी में रहे।मायावती ने कहा कि अटल जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। देश के सांसद, केंद्रीय मंत्री और फिर प्रधानमंत्री के रूप में उनके अमूल्य योगदान को लोग लगातार याद करते रहे हैं और आगे भी याद करते रहेंगे। कवि मन वाले अटल जी के सार्वजनिक जीवन में किए गए योगदान को हमेशा ही याद किया जाता रहेगा।

उन्होंने कहा कि वे देश के एक ऐसे नेता थे जो भारतीय जनसंघ व बाद में इसके नए अवतार भाजपा में रहने के बावजूद व्यापक स्तर पर सम्मान की दृष्टि से देखे गए। उनके कार्यकाल खासकर पड़ोसी देश पाकिस्तान व कश्मीर संबंधी नीतियों को लोगों ने लगातार याद किया। लोगों का यह मानना है कि अगर वे स्वस्थ्य रहते तो भाजपा शायद कभी भी इतनी जनविरोधी, संकीर्ण, संकुचित, अहंकारी व विद्वेषपूर्ण नीति वाली पार्टी नहीं हो सकती थी, जितनी की आज हर तरफ नजर आती है।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, एक महान जीवन का अंत। लेकिन एक प्रेरणा जो सदा जीवित रहेगी। अटल जी को हमारी भावपूर्ण श्रद्धांजलि! श्री यादव ने कहा है कि अटल बिहारी बाजपेयी की गिनती देश के शीर्ष नेताओं में की जाती थी। वे ओजस्वी वक्ता और लोकप्रिय कवि थे। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में भी छाप छोड़ी थी।

अखिलेश ने कहा कि लोकसभा में उनके भाषणों को बड़े ध्यान से सुना जाता था। उन्हें श्रेष्ठ सांसद के अलावा भारतरत्न सम्मान से सम्मानित किया गया था। अटल संसदीय राजनीति में छह दशक सक्रिय रहे। सामान्य ग्रामीण परिवेश से शिखर तक पहुंचने का उनका संघर्षशील जिंदगी का सफर रहा। उनके निधन से देश ने एक कुशल प्रशासक एवं लोकप्रिय नेता खो दिया है। श्री यादव ने कहा कि वे विचारधारा से असहमति के बावजूद विरोधी नेताओं के प्रति भी सम्मान भाव रखते थे। यह उनके व्यक्तित्व का विलक्ष्ण भाव था कि व्यक्तिगत स्तर पर वे किसी के प्रति रागद्वेष नहीं रखते थे। अटल जी लोकतंत्र की स्वस्थ परम्पराओं का निर्वहन करते थे।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गठबंधन की अपनी ख्वाहिश की तरफ इशारा करते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर और समाजवाद के प्रणेता डॉ. राम मनोहर लोहिया ने न्याय और एकता के जरिए देश का भविष्य मजबूत बनाने की लड़ाई मिलकर लड़ने का फैसला किया था ओर आज वह सपना पूरा करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि आज आंकड़ों के जरिए यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि भारत प्रगति की ओर बढ़ रहा है, लेकिन अगर सच्चाई मालूम करनी हो तो आप किसानों का दुख सुनिए, मजदूरों का दर्द देखिए और गरीबों से पूछिए कि अर्थव्यवस्था में क्या बदलाव आया है।

यादव ने कहा कि देश का भविष्य आर्थिक समानता, सामाजिक न्याय और एकता से ही मजबूत बनाया जा सकता है। यही सपना आंबेडकर और लोहिया ने भी देखा था। दोनों ने 1956 में एक दूसरे को खत लिखकर तय किया था कि वह मिलकर यह लड़ाई लड़ेंगे। मगर, अफसोस कि दिसंबर 1956 में बाबा साहब का देहांत हो गया, लेकिन आज हमें वह सपना पूरा करने का अवसर मिला है।

लखनऊ: देवरिया कांड की गाज वहां के मौजूदा और पूर्व पुलिस कप्तानों पर गिरी है। मौजूदा एसपी रोहन पी कनय को देवरिया से हटा दिया गया है और विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। जबकि पूर्व एसपी देवरिया राकेश शंकर जो मौजूदा समय में बस्ती में डीआईजी के पद पर तैनात हैं, उन्हें भी हटा कर डीजीपी मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है। राकेश शंकर के खिलाफ भी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

भ्रष्टाचार निवारण संगठन में तैनात डीआईजी आशुतोष कुमार को बस्ती का नया डीआईजी बनाया गया है। वहीं, महोबा के एसपी एन कोलांची को देवरिया का एसपी बनाया गया है। यूपी एटीएस में तैनात एसपी अनुपम सिंह को महोबा का नया पुलिस कप्तान बनाया गया है। सूत्रों का कहना है कि एडीजी की जांच में 24 सितंबर 2017 से 24 मार्च 2018 तक देवरिया के एसपी रहे राकेश शंकर ने भी उक्त संरक्षण गृह को लेकर लापरवाही बरती थी। जिसके कारण उन्हें हटाया गया है और विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।

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