मुंबई: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में महाजीत के कुछ ही महीनों के बाद ही बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन में दरार पड़ती दिख रही है। पहले गठबंधन में जिलों के प्रभार को लेकर लड़ाई सामने आई और अब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के विधायकों की सिक्योरिटी को लेकर रार मची हुई है।
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि कुछ विधायकों की वाई कैटगरी की सिक्योरिटी को हटा लिया गया है, लेकिन शिवसेना के सबसे ज्यादा विधायक हैं और यही विवाद की वजह है। शिवसेना इस कदम से नाराज है। 2022 में उद्धव ठाकरे से बगावत करके बीजेपी का साथ देने वाले एकनाथ शिदें गुट के 44 विधायकों और 11 सांसदों को वाई कैटगरी की सुरक्षा दी गई थी, लेकिन अब सुरक्षा आकलन के आधार पर शिवसेना के सभी विधायकों और पार्टी प्रमुख के प्रमुख सहयोगियों सहित अन्य नेताओं के कवर को कम कर दिया गया है या वापस ले लिया गया है। हालांकि जो लोग मंत्री हैं उनकी सुरक्षा में कमी नहीं की गई है। बीजेपी और एनसीपी के नेताओं के लिए भी कवर कम कर दिया गया है या वापस ले लिया गया है।
सीएम फडणवीस ने क्या कहा?
लेकिन शिवसेना के प्रभावित नेताओं की संख्या कथित तौर पर 20 है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सुरक्षा कवर पर फैसला सुरक्षा समीक्षा समिति लेती है। यह समिति समय-समय पर सुरक्षा की समीक्षा करती है और उसके मुताबिक निर्णय लेती है। उन्होंने कहा, "समिति के लिए गए निर्णयों में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होता। इसलिए किसी को भी इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।"
पहले भी शिंदे हुए थे नाराज?
इससे पहले भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने से रह गए एकनाथ शिंदे की नाराजगी की खबरें सामने आई थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, रायगढ़ और नासिक के संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति के अनसुलझे मुद्दे को लेकर एकनाथ शिंदे अभी भी नाराज बताए जा रहे हैं। उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए हाल ही में उन्हें राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में नियमों में संशोधन करके उन्हें शामिल किया गया था।