कानपुर: उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद भी कानून व्यवस्था की हालत नहीं सुधर रही है। अब औरैया के बिधूना थाना क्षेत्र में स्थित मंदिर में मंगलवार रात तीन साधुओं की काट कर हत्या कर दी गयी। घटना से आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया और दुकानों में तोड़फोड़ के साथ ही आग लगा दी। पुलिस के पहुंचने के बाद लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची कई थानों की पुलिस से लोगों की तीखी झड़प हुई।
इसके बाद मौके पर पीएसी के साथ एसपी नागेश्वर सिंह और डीएम श्रीकांत मिश्रा भी मौके पर पहुंच गए। लोग सीएम योगी को बुलाने की मांग पर अड़े हैं। हालात नाजुक बने बने हुए हैं, हत्या के पीछे गोकशी की सूचना पुलिस को देना माना जा रहा है। मृतकों में लज्जाराम और बकेवर के हल्केराम शामिल हैं. बिधुना के रामशरण गंभीर रूप से घायल हुए हैं। तीनों साधु चारपाई से बंधे मिले. एक साधु की जीभ कटी हुई पाई गई है। बुधवार सुबह जब स्थानीय लोगों की नजर मंदिर परिसर में बने बरामदे फैले हुए खून पर पड़ी तो इसकी सूचना पुलिस को दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने एक साधु को सैफई अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी भी इलाज के दौरान मौत हो गयी, वहीँ दो साधुओं की मौके पर ही मौत हो गयी थी। साधुओं की मौत के बाद पूरे क्षेत्र में हिंसा भड़क गयी। ग्रामीणों ने बवाल करना शुरू कर दिया दुकानों और वाहनों में आग लगा दी। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया।
बिधूना थाना क्षेत्र स्थित कुदरकोट में भयानक नाथ का मंदिर है , कुदरकोट को भगवान् कृष्ण की पत्नी रुक्मणि का मायका माना जाता है. इस मंदिर की भी बड़ी मान्यता है. मंदिर में रहकर पूजा पाठ और सेवा करने वाले साधु लज्जाराम , हल्के राम और रामशरण बीते कई माह से गौ हत्या के खिलाफ अभियान चला रहे थे। बीते मंगलवार की रात तीनो साधु पूजा पाठ करने के बाद मंदिर को बंद कर बरामदे में सो रहे थे। बीती रात अज्ञात बदमाशों ने धारदार हथियार से तीनों साधुओं पर हमला कर दिया.जिसमें लज्जाराम और हल्के राम की मौके पर ही मौत हो गयी थी। वहीँ रामशरण गंभीर रूप से घायल थे उनको उपचार के लिए सैफई के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जब बुधवार सुबह तक मंदिर नहीं खुला तो स्थानीय लोगों ने जाकर देखा तो अंदर का नजारा देखकर हैरान रह गए। तीनों साधुओं के हाथ पैर चारपाई से बंधे हुए थे। इसके बाद उनके गले को धारदार हथियार से रेता गया था। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि तीनों साधु बीते कई माह से गौ हत्या के खिलाफ अभियान चला रहे थे। जिसकी वजह से उनको विरोध का सामना भी करना पड़ रहा था.यह हत्या भी उन्ही लोगों के द्वारा की गयी है। ग्रामीणों का कहना था कि जब तक हत्यारे नहीं पकडे जायेगे साधुओं के शव को नही उठने देगे। नाराज ग्रामीणों ने जब पुलिस का विरोध किया तो दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया।
पुलिस लाठी चटकाकर भीड़ को भगाने लगी बवाल शुरू हो गया। ग्रामीणों ने वहा खड़े वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी और आग लगा दिया। बिगड़ते हालात को देखकर कानपुर देहात ,कानपुर नगर और आस पास के जनपदों की पुलिस को औरैया भेजा गया है। हालात को काबू रखने के लिए पीएसी को तैनात किया गया है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बच्चे स्कूल को निकले थे। पुलिस ने गंभीरता को देखते हुए सभी स्कूल और कॉलेज को बंद करा दिया और बच्चों को सुरक्षित उनके घर पहुँचाने का भी काम किया।