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लखनऊ: विधानसभा की 11 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भाजपा के लिए भविष्य के संघर्ष या यूं कहें चिंता के संकेत दे गए हैं। भाजपा सात सीटें जीतने में कामयाब जरूर रही लेकिन उसे कई सीटों पर जीत के लिए संघर्ष करना पड़ा। वहीं तीन सीटें जीतकर विपक्षी दलों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी सपा के लिए परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। वहीं परंपरा के विपरित उपचुनाव लड़ी बसपा के लिए अपने गढ़ कहे जाने वाले अंबेडकरनगर के जलालपुर में हार बड़े झटके के रूप में सामने आई है।

भाजपा को करना पड़ा कई सीटों पर कड़ा संघर्ष

11 विधानसभा सीटों में से भाजपा के पास नौ सीटें थीं जबकि रामपुर सपा के खाते में और अंबेडकरनगर की जलालपुर सीट बसपा की झोली में थी। भाजपा ने इस उपचुनाव में सात सीटों पर जीत हासिल जरूर की है लेकिन परिणाम उसके लिए सहज नहीं कहे जा सकते। भाजपा को अपने कब्जे वाली घोसी में संघर्ष करना पड़ा और भाजपा प्रत्याशी विजय कुमार राजभर मात्र 1734 मतों से जीत पाए जबकि पिछली बार यहां फागू चौहान 7 हजार मतों के अंतर से जीते थे।

लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को एलान किया कि समाजवादी पार्टी यूपी में वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। किसी भी दल से चुनावी गठबंधन नहीं होगा। सपा अपने काम और जनता के लिए किए जा रहे संघर्षों के बल पर चुनाव मैदान में उतरेगी और जनादेश प्राप्त कर अगली सरकार बनाएगी। भाजपा को जनता 2022 में सत्ता से बेदखल करने का मन बना चुकी है। वे पार्टी मुख्यालय में विभिन्न जिलों से आए कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह बर्बाद हो गई है। नोटबंदी-जीएसटी जैसे फैसलों से जनता और व्यापारी त्रस्त हैं। उद्योगधंधे बंद हो रहे है, बाजार में मंदी है। हर रोज नौजवान रोटी-रोजगार से वंचित किए जा रहे हैं। रुपये की साख लगातार गिरती जा रही है। प्रदेश सरकार कर्ज लेकर अपने झूठे कामों का ढोल पीट रही है। भाजपा की गलत नीतियों से यूपी विकास की दौड़ में पिछड़ता जा रहा है। किसानों की आय दोगुनी तो छोड़िए, वे अब भी कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं। शिक्षामित्र बेरोजगारी के चलते जान दे रहे हैं।

अहमदाबाद: हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के सिलसिले में पकड़े गये दो आरोपियों को यहां की एक अदालत ने बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम को ट्रांजिट रिमांड में सौंप दिया। सूरत निवासी अशफाक शेख (34) और मोइनुद्दीन पठान (27) को मंगलवार रात गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते ने गुजरात-राजस्थान सीमा के पास से गिरफ्तार किया था। इन दोनों को बुधवार को अहमदाबाद की एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें लखनऊ पुलिस को 72 घंटों की ट्रांजिट रिमांड में सौंप दिया। किसी आरोपी को जब दूसरे शहर की अदालत में पेश किया जाना होता है, तो ट्रांजिट रिमांड मांगी जाती है।

गुजरात एटीएस ने कहा था कि उसने शेख और पठान का ‘तकनीकी निगरानी’ के जरिये उस वक्त पता लगाया, जब वे दोनों फरार रहने के दौरान अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों से संपर्क कर रहे थे। तिवारी की 18 अक्टूबर को लखनऊ स्थित उनके घर में हत्या कर दी गई। बताया जाता है कि अतीत में उनके द्वारा दिये गये कथित भड़काऊ बयानों को लेकर उनकी हत्या की गई।

लखनऊ: लखनऊ में बुधवार को कमलेश तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोट जारी कर दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि कमलेश तिवारी को पहले गोली मारी गई, फिर धारदार हथियार से सात बार वार किए गए। चाकू के वार से गर्दन पर 12 सेंटीमीटर लंबा और तीन सेंटीमीटर गहरा घाव हुआ। मौत का कारण गला रेतने से बना घाव है। 18 अक्तूबर को लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई।

कमलेश तिवारी की उनके ऑफिस में गला रेतकर हत्या की गई। पहले बताया गया था कि गला रेतने के बाद उन्हें गोली भी मारी गई लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पहले गोली मारने की बात सामने आई है। बदमाशों ने पहले कमलेश से उनके ऑफिस में मुलाकात की और साथ में चाय भी पी। इसके बाद घटना को अंजाम देकर फरार हो गए थे। मंगलवार को दोनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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