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अहमदाबाद: जेल में बंद आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के लिए जमानत की मांग करते हुए उनके वकील ने शुक्रवार को हाई कोर्ट में दलील दी कि उनके मुवक्किल ने कभी लोगों को हिंसा के लिए नहीं उकसाया और बल्कि शांति की अपील की थी। न्यायमूर्ति एजे देसाई हार्दिक की जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रहे हैं। हार्दिक पर अहमदाबाद और सूरत में देशद्रोह के मामले चल रहे हैं। वकील जुबिन भरदा ने कहा कि अहमदाबाद पुलिस ने पिछले साल 25 अगस्त को यहां जीएमडीसी मैदान की रैली में हार्दिक के भाषण का गलत अर्थ निकाला जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की बात की थी जिन्होंने अंग्रेजों पर बम फेंका था। वकील ने कहा, ‘हार्दिक का यह मतलब नहीं था कि वह सरकार पर बम फेंककर उसे उखाड़ देंगे। हार्दिक ने पटेल समुदाय के लोगों से कहा कि अगर आरक्षण की मांग पूरी नहीं की जाती तो सरकार को हटाने के लिए अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल ‘बम’ की तरह करें।’ अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तारीख तय की जब हार्दिक के वकील अपनी दलील जारी रखेंगे।

अहमदाबाद: गुजरात में आरक्षण कोटे को लेकर पटेल समुदाय द्वारा किए गए राज्यव्यापी बंद के आह्वान का आज मामूली असर दिखाई पड़ा। हालांकि राज्य के विभिन्न शहरों में पटेल समुदाय बहुल इलाकों में इस बंद का कुछ असर देखा गया। पुलिस ने कहा कि कल मेहसाणा कस्बे में लागू किया गया कफ्र्यू आज सुबह हटा लिया गया, जबकि मेहसाणा कस्बे में कल की हिंसा के बाद सरदार पटेल समूह द्वारा किए गए बंद के आह्वान के चलते आज वहां कोई खास घटना देखने को नहीं मिली। बंद के आह्वान को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं, लेकिन स्कूल और कालेज, सार्वजनिक परिवहन एवं ट्रेन सेवाएं इस बंद से अप्रभावित हैं। साथ ही अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और मेहसाणा जैसे प्रमुख शहरों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं। यह प्रतिबंध आज मध्यरात्रि तक जारी रहेगा। पटेल आंदोलनकर्ताओं द्वारा बंद के आह्वान का अहमदाबाद, सूरत और राजकोट जैसे प्रमुख शहरों पर मामूली असर पड़ा है। यहां तक कि मेहसाणा में जहां समुदाय के सदस्यों की कल पुलिस के साथ झड़प हुई थी, इस बंद का आंशिक असर पड़ा है और केवल उन्हीं इलाकों में प्रतिष्ठान बंद किए गए हैं जहां पटेल समुदाय का दबदबा है।

अहमदाबाद: राज्यव्यापी बंद के आह्वान का आज मामूली असर दिखाई पड़ा। हालांकि राज्य के विभिन्न शहरों में पटेल समुदाय बहुल इलाकों में इस बंद का कुछ असर देखा गया। मेहसाणा में इस बंद का आंशिक असर पड़ा है और केवल उन्हीं इलाकों में प्रतिष्ठान बंद किए गए हैं जहां पटेल समुदाय का दबदबा है। राज्य सरकार ने मेहसाना में पटेल समुदाय की एक विशाल रैली के बाद रविवार को गुजरात के कई हिस्सों में भड़की हिंसा और कुछ पटेल संगठनों द्वारा सोमवार के ‘गुजरात बंद’ के आह्वान को देखते हुये अहमदाबाद, मेहसाना और सूरत में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को तैनात किया और अन्य स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। मेहसाणा में कल लगाया गया कर्फ्यू हटाया गया और धारा 144 भी हटाई गई। कई जगह बंद का असर दिख रहा है। गुजरात के मुख्य सचिव जी आर अलोरिया ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की 5 कंपनियां इन 3 शहरों में तैनात की गयी है। इसके अलावा, स्टेट र्जिव पुलिस (एसआरपी) की 20 कंपनियों को भी पूरे राज्य में तैनात किया गया है। सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के साथ-साथ हार्दिक पटेल की अगुवाई वाली पाटीदार अमानत आंदोलन समिति (पीएएएस) ने आज (सोमवार) ‘गुजरात बंद’ का आह्वान किया है। देर शाम वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक के बाद अलोरिया ने बताया, ‘नियमित पुलिस बल के अलावा, हमने अहमदाबाद और मेहसाना में आरएएफ की दो-दो कंपनियां और एक कंपनी सूरत में तैनात किया है।

वडोदरा: गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने कहा कि राज्य में सभी गांवों को अगले एक साल में खुले में शौच मुक्त बनाया जाएगा। डॉ. बीआर अंबेडकर की 125 वीं जयंती के अवसर पर भाजपा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य के 14,000 गांवों में से 4,000 गांव अब खुले में शौच मुक्त हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, 'गुजरात एक साल में सभी गांवों में शौचालय बनाने का लक्ष्य हासिल कर लेगा।' उन्होंने कहा कि इस प्रयास में मानसिकता बदलने और गांवों में शौचालयों को अधिक स्वीकार्य बनाने की भी जरूरत है।

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