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सूरत: गुजरात में सूरत के पाटीदारों के दबदबे वाले इलाके में देर रात अज्ञात प्रदर्शनकारियों ने दो बसें फूंक दीं। जानकारी के मुताबिक मंगलवार की शाम सौराष्ट्र भवन में गुजरात भाजपा युवा मोर्चा के कार्यक्रम में हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति से कथित तौर पर जुड़े कुछ लोगों ने हंगामा करने की कोशिश की थी। यह कार्यक्रम भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया था। भाजपा पूरे राज्य में इस तरह की बैठकें आयोजित कर रही है। पुलिस ने जैसे ही पाटीदार प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया वबाल मच गया. सूरत के पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया। हीराबाग सर्किल में दो बसें फूंक दी गई। इलाके में अब स्थिति नियंत्रण में है। कंट्रोल रूम के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। सूरत में पाटीदारों की आबादी 10 लाख से ज्यादा है। पाटीदार समुदाय को 2015 में हार्दिक पटेल के रूप में नया नेता मिला था, जिसने आरक्षण को लेकर पूरे राज्य में आंदोलन किया था। उधर, भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष रुतविज पटेल का कहना है कि यह घटना पटेल समुदाय के रुख को उजागर नहीं करती।

अहमदाबाद: 2002 में गुजरात के चर्चित नरोदा पाटिया दंगा मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) अदालत ने भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष (भाजपा) अमित शाह को बतौर गवाह पेश होने के लिए कहा है। स्पेशल एसआईटी जज पीबी देसाई ने शाह को 18 सितंबर को हाजिर होने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि अगर अमित शाह तय तारीख पर हाजिर नहीं होते हैं तो दोबारा समन जारी नहीं किया जाएगा। गुजरात सरकार में मंत्री रह चुकी बीजेपी नेता माया कोडनानी ने अमित शाह को बतौर गवाह पेश करने के लिए अर्जी दी थी। कोडनानी 2002 नरोदा पाटिया दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रही हैं। मंगलवार को कोडनानी के वकील अमित पटेल ने कोर्ट को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अहमदाबाद के थालतेज स्थित उनके आवास पर समन भेजने के लिए कहा था। इससे पहले 8 सितंबर को कोडनानी ने कहा था कि वे अपने बचाव में अमित शाह की गवाही कराने के लिए उनसे संपर्क नहीं कर पाई हैं। अप्रैल में कोडनानी की याचिका पर कोर्ट ने अमित शाह और अन्य को बतौर गवाह पेश करने की अनुमति दी थी। आपको बता दें की फरवरी 2002 में गुजरात दंगों से धधक उठा था।

अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट को सूचित किया गया कि 2002 के गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार में बरी किये जाने वालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआईटी को हाई कोर्ट जाने के लिए राज्य सरकार ने अभी तक अपनी अनुमति नहीं दी है। विशेष अदालत ने एक साल से ज्यादा समय पहले इस मामले में फैसला सुनाया था। न्यायमूर्ति सोनिया गोकनी कांग्रेस के दिवंगत नेता एहसान जाफरी की पत्नी जकिया की ओर से दायर की गयी याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। वर्ष 2002 के दंगा मामलों में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य को दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखने के निचली अदालत के आदेश को इस याचिका में चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और एसआईटी के वकीलों ने उन्हें इस बारे में बताया। वर्ष 2002 के दंगा मामलों में एक गुलबर्ग नरसंहार में पिछले साल जून में यहां एक विशेष अदालत ने 24 आरोपियों को दोषी ठहराया और 36 अन्य को बरी कर दिया था। हत्याकांड में जाफरी और 68 अन्य को भीड़ ने जिंदा जला दिया था।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना का शिलान्यास 14 सिंतबर को किया जाएगा। गुजरात के अहमदाबाद में होने वाले इस समारोह में मोदी व जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे मौजूद रहेंगे। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों देश के प्रधानमंत्री साबरमती में बुलेट ट्रेन के यार्ड व स्टेशन और वडोदरा में बनने वाले प्रशिक्षण केंद्र का शिलान्यास करेंगे। प्रशिक्षण केंद्र में भारतीय हाई स्पीड रेल निगम के कर्मचारियों को जापानी पेशवर प्रशिक्षण देंगे। विदित हो कि मुंबई-अहमदाबाद (508 किलोमीटर) बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान वित्तीय सहायता दे रहा है। इस परियोजना पर 97,000 करोड़ से अधिक खर्च आएगा। बुलेट ट्रेन परियोजना की शुरुआत यूपीए सरकार के दौरान दोनों देशों के बीच हुई थी जबकि निर्माण व वित्त पोषण का समझौता मोदी सरकार में 2015 में हुआ था। बुलेट ट्रेन के लिए नई लाइन बिछाने का कार्य 2018 से शुरू होने की उम्मीद है।

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