ताज़ा खबरें
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

अहमदाबाद: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने रविवार को कहा कि नौकरियों में वर्तमान आरक्षण 49.5 प्रतिशत से बढ़ाकर आर्थिक आधार पर 75 प्रतिशत तक कर देना चाहिए और इसका लाभ सवर्ण जातियों को भी मिलना चाहिए। भारतीय क्रिकेट टीम में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए आरक्षण की मांग कर चुके रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया के अठालवे ने कहा, 'वर्तमान में 49.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है।

हमें पटेल, राजपूत, ब्राह्मण, बानिया और मराठों को समायोजित करने के लिए इसे 25 प्रतिशत तक बढ़ा देना चाहिए।' महाराष्ट्र में एक अलग विदर्भ राज्य का समर्थन कर रहे मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि इन सवर्ण जातियों को क्रीमी लेयर वाले दायरे में नहीं रखा जाना चाहिए या आरक्षण पाने के लिए प्रतिवर्ष 8 लाख रुपये कमाने की शर्त नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि इन्हें 25 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए और इसके लिए इसे बढ़ाकर 75 प्रतिशत तक कर देना चाहिए।' उन्होंने कहा कि इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को लाभ देने वाली मौजूदा आरक्षण प्रणाली अव्यवस्थित नहीं होगी।

अहमदाबाद: भारतीय वायु सेना प्रमुख बीरेंद्र सिंह धनोआ ने अंतरिक्ष के इस्तेमाल के लिए व्यापक अंतर्राष्ट्रीय कानून को वक्त की जरूरत बताया है। गुजरात राष्ट्रीय विधि विविद्यालय की एयर एंड स्पेस लॉ एकेडमी के कार्यक्रम में वायु सेना प्रमुख ने कहा कि अंतरिक्ष के इस्तेमाल का नियमन सुनिश्चत करने के लिए एक व्यापक अंतर्राष्ट्रीय कानून की जरूरत उभर रही है। सेना की ओर से जारी एक विग्यप्ति में कहा गया, अंतरिक्ष की संपत्ति पर निर्भरता में हो रही अत्याधिक वृद्धि के मद्देनजर, उन्होंने अंतरिक्ष के इस्तेमाल के नियमन को सुनिश्चित करने के लिए बड़े स्तर पर एक अंतरराष्ट्रीय कानून की रूपरेखा तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया।

विग्यप्ति में उन्होंने अंतरिक्ष के मलबे का प्रबंधन, नुकसान के प्रति जवाबदेही, भटके हुए उपग्रहों से होने वाली दुर्घटनाओं और उपग्रह आधारित हथियारों के इस्तेमाल जैसे मुद्दों के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

दाभोई (वडोदरा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा नदी पर बनने वाली महत्वाकांक्षी परियोजना सरदार सरोवर नर्मदा बांध का आज (रविवार) लोकार्पण करते हुए पिछले सात दशकों में इस परियोजना में आई तमाम बाधाओं का उल्लेख किया और उम्मीद जताई कि यह परियोजना नए भारत के निर्माण में सवा सौ करोड़ भारत वासियों के लिए प्रेरणा का काम करेगी। मोदी ने आज इस बांध परियोजना के लोकार्पण के बाद यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व बैंक सहित कई पक्षों ने सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना के मार्ग में बाधाएं उत्पन्न की।

उन्होंने कहा कि उनके पास हर उस आदमी का कच्चा चिट्ठा है, जिसके कारण इस बांध परियोजना में विलंब हुआ। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी आया जब विश्व बैंक ने इस परियोजना के लिए ऋण देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए वह दो लोगों के आभारी हैं...सरदार वल्लभ भाई पटेल और बाबा साहेब अंबेडकर। उन्होंने कहा ' भारत के लौह पुरुष की आत्मा आज जहां कहीं भी होगी वह हम पर ढेर सारे आशीर्वाद बरसा रही होगी।’’

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने एक दिव्य दृष्टि की तरह इस गुजरात क्षेत्र में सिंचाई और जल संकट को देखते हुए नर्मदा पर बांध की परिकल्पना की थी।

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेने रविवार को सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन किया। इस बांध के उद्घाटन के बाद एक रैली में पीएम मोदी ने कहा कि इस परियोजना से सिर्फ गुजरात नहीं बल्कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान के किसानों के भाग्य भी बदलेंगे। उन्होंने कहा कि यह किसी पार्टी की परियोजना नहीं है। उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर बांध की राह में कई अड़चनें आईं, लेकिन हम इस बात को लेकर दृढ़संकल्प थे कि परियोजना चालू रहेगी। पीएम मोदी ने कहा कि वर्ल्ड बैंक ने इसके लिए पैसे देने से मना कर दिया था, लेकिन हम नहीं रुके।

पीएम मोदी ने कहा कि इस परियोजना के खिलाफ गलत जानकारियों को आधार बनाकर मुहिम छेड़ी गई थी, जबकि यह परियोजना इंजीनियरिंग का एक चमत्कार है। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद सरदार साहब (सरदार वल्लभ भाई पटेल) को उतना श्रेय नहीं मिला, जितने के वह हकदार थे, भले ही कारण कुछ भी रहे हों। पीएम मोदी ने कहा, आज हम दो महापुरुषों को खास तौर पर याद कर रहे हैं, जिन्होंने मंत्री के रूप में सिंचाई और जलस्रोतों को बहुत महत्व दिया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख