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करनाल: हरियाणा में 28 अगस्‍त के पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों की राज्‍य सरकार के साथ बातचीत विफल हो गई है। करीब तीन घंटे तक चली बातचीत के दौरान प्रशासन ने मांग मानने से इंकार कर दिया। इसके बाद किसान नेताओं ने प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता के दौरान किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार की मंशा पहले से ही स्‍पष्‍ट थी। राकेश टिकैत ने कहा, अब यहां पर दूसरे प्रदेशों से भी किसान आएंगे। किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव बुधवार को प्रेसवार्ता की। किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि शासन प्रशासन को अब किसानों के हौसले और तेवर देखकर कुछ समझ आ गई होगी, लेकिन यदि अब भी ऐसा नहीं होता तो किसान कतई पीछे नहीं हटेंगे।

टिकैत ने कहा, यहां जो भी नेता रहेगा, उसी की अगुवाई में आंदोलन आगे बढ़ेगा। मैं और अन्य नेता भी आते-जाते रहेंगे। टिकैत ने स्पष्ट किया कि जहां तक जिला सचिवालय में अधिकारियों या कर्मचारियों के प्रवेश की बात है तो किसान इसे नहीं रोकेंगे। अलबत्ता, प्रशासन इसका ठीकरा हमारे सिर फोड़ना चाहता है तो अलग बात है।

चंडीगढ़: 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को करनाल में किसानों की महापंचायत हुई। इसके बाद प्रशासन से वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव किया। रात भर किसानों का धरना जारी रहा। कुछ देर बाद किसान नेता आगे की रणनीति का खुलासा करेंगे। वहीं मंगलवार को पूरे घटनाक्रम का सरकार ने पल-पल का फीडबैक लिया। डीजीपी पीके अग्रवाल और एडीजीपी कानून एवं व्यवस्था नवदीप सिंह विर्क हर घटनाक्रम की जानकारी तत्काल मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज को देते रहे। सुबह से लेकर रात तक चले घटनाक्रम पर सरकार की निगाह टिकी रही।

सरकार नहीं चाहती बसताड़ा टोल की पुनरावृत्ति
इस बार सरकार का पूरा फोकस किसानों की महापंचायत को शांतिपूर्ण तरीके से कराने को लेकर रहा। प्रदेश सरकार किसी भी सूरत में बसताड़ा टोल की घटना की पुनरावृत्ति नहीं चाहती थी।ऐसे में सरकार का खुफिया विभाग भी अलर्ट रहा और तमाम घटनाक्रम की जानकारी आला अधिकारियों को देता रहा।

करनाल: हरियाणा के करनाल में मंगलवार को किसानों की महापंचायत हुई। इसके बाद बड़ी संख्या में किसानों ने राकेश टिकैत के नेतृत्व में लघु सचिवालय की ओर मार्च किया। किसान 28 अगस्त को करनाल में हुए लाठीचार्ज से नाराज हैं। उन्होंने लाठीचार्ज के दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ित किसानों को मुआवजा देने की मांग उठाई। किसानों के मार्च के दौरान भारी पुलिसबल तैनात रहा। बढ़ती भीड़ देख प्रशासन ने राकेश टिकैत को बस में बैठाया लेकिन बाद में वो फिर किसानों के बीच पहुंच गए। 

बैरिकेड तोड़ किसान लघु सचिवालय के मुख्य गेट तक पहुंचने में कामयाब हो गए हैं। वहीं सचिवालय की व्यवस्था कड़ी है। पूरा परिसर बीएसएफ के हवाले हैं। प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। लेकिन किसान सभी बाधाओं को पार कर मुख्य गेट तक पहुंच गए। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि "हमने गेट पर कब्जा कर लिया है, थोड़ा आराम करना चाहते हैं, बातचीत के लिए समय नहीं है, यह बाद में हो सकती है।"

करनाल: दिल्‍ली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर करनाल के बसताड़ा टोल प्‍लाजा पर 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों की महापंचायत हुई। महापंचायत में गुरनाम सिंह चढ़ूनी के अलावा राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी शामिल हुए। इस दौरान प्रशासन की अपील पर संयुक्‍त किसान मोर्चा वार्ता के लिए मान गए। राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी और योगेंद्र यादव की 11 सदस्‍यीय कमेटी करनाल लघु सचिवालय पहुंची। हालांकि तीन दौर की बातचीत विफल रही। इसके बाद सभी महापंचायत स्‍थल की ओर लौट गए।

इससे पहले किसान महापंचायत में प्रशासन ने वार्ता के लिए संदेश भेजा। उसके बाद 11 सदस्‍यीय कमेटी, राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, योगेंद्र यादव के साथ लघु सचिवालय पहुंचे। यहां पर अधिकारियों के आदेश के बाद अंदर जाने दिया गया। लघु सचिवालय के बाहर ही समर्थकों को रोक लिया गया। करीब सौ लोगों की भीड़ जुट गई। करीब दो घंटे तक दो दौर की वार्ता चली। इसके बाद सभी किसान नेता बाहर आ गए। किसान नेता जोगेंद्र उगरहा और राकेश टिकैत प्रेस से बातचीत की। जोगेंद्र ने कहा, प्रशासन ने मांग नहीं मानी है।

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