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नई दिल्ली: भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने इतिहास रच दिया है। गुकेश सबसे कम उम्र में फिडे वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने सिर्फ 18 साल की उम्र में ही फिडे वर्ल्ड चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। 14वीं बाजी में उन्होंने चीन के गत चैंपियन डिंग लिरेन को हराया है। 13वीं बाजी तक दोनों का स्कोर 6.5-6.5 था, ऐसे में 14वीं बाजी जीतने के साथ ही गुकेश ने चैंपियनशिप अपने नाम की है। गुकेश 18वें विश्व चैंपियन हैं। विश्वनाथन आनंद के बाद गुकेश दूसरे भारतीय हैं, जिन्होंने वर्ल्ड चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। विश्वनाथन आनंद 2000-2002, 2007-2013 तक विश्व चैंपियन रहे थे। डिंग लिरेन की कोशिश थी कि वो मुकाबले को टाई ब्रेकर तक लेकर जाए, लेकिन गुकेश ने आज क्लासिकल चेस में उन्हें हराकर चैंपियनशिप अपने नाम की।

विश्व शतरंज चैंपियनशिप के अंतिम गेम में डिंग लिरेन की गलती के बाद गुकेश डी इतिहास में सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बन गए हैं, जो उस समय आया था जब टाईब्रेक की पूरी संभावना थी। अंतिम गेम पांचवें घंटे तक खिंचा। इस दौरान डिंग ने एक गलती कर दी, जिसके कारण उसे गेम, मैच और ताज गंवाना पड़ा।

ऐसा लग रहा था कि चैंपियन का फैसला टाईब्रेक में होगा, लेकिन गुकेश अंत तक कायम रहे और डिंग को क्रैक करने में कामयाब रहे।

इससे पहले, भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश अपनी पूरी कोशिश के बावजूद चीन के गत चैंपियन डिंग लिरेन को नहीं हरा पाए, जिससे बुधवार को विश्व शतरंज चैंपियनशिप की 13वीं बाजी में 68 चाल के बाद उन्हें ड्रॉ से संतोष करना पड़ा। सफेद मोहरों से खेल रहे गुकेश और लिरेन के 6.5-6.5 अंक हो गए और क्लासिकल शतरंज की केवल एक बाजी बची है। इससे यह संभावना है कि मुकाबला 'टाई-ब्रेक' चरण तक बढ़ जाएगा, जिसमें कम अवधि की बाजियों से विजेता का फैसला होगा। दोनों खिलाड़ियों ने 68 चाल के बाद ड्रॉ के लिए सहमति दी। 32 वर्षीय लिरेन ने पहली बाजी जीती थी, जबकि 18 वर्षीय गुकेश ने तीसरी बाजी अपने नाम कर बराबरी हासिल की थी।

इसके बाद दोनों ग्रैंडमास्टर्स ने लगातार सात ड्रॉ खेले। फिर गुकेश ने 11वें मुकाबले में जीत से 6-5 की बढ़त ले ली थी। लेकिन लिरेन ने 12वें मैच में भारतीय खिलाड़ी को हराकर बराबरी हासिल कर ली। जैसा कि पूर्वानुमान था। 18 वर्षीय गुकेश ने अपनी शुरुआती चाल में 'किंग पॉन' चाल का प्रयास किया और फिर से उन्हें लिरेन के पसंदीदा 'फ्रेंच डिफेंस' का सामना करना पड़ा।

गुकेश ने जहां शुरू में नये मूव अपनाये लेकिन चीन के खिलाड़ी ने फिर से शुरुआती चरण में बहुत समय लगाया, इससे शुरुआत से ही स्पष्ट था कि सफेद मोहरों के लिए मौका बहुत कम था। जैसे जैसे बाजी आगे चल रही थी, वैसे ही बीच की चालों को देखते हुए स्पष्ट हो गया कि यह ड्रॉ ही रहेगा। गुकेश को अच्छी तरह से पता था कि यह उनका आखिरी मौका हो सकता है, इसलिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी और वह और फायदा उठाने की तलाश में लगे रहे। लेकिन लिरेन ने संयम बनाए रखा और जरूरत पड़ने पर गुकेश को परेशानी में डालते रहे। पर दोनों के प्रयासों के बावजूद बाजी ड्रॉ रही।

गुकेश ने बेहद तनावपूर्ण मैच के बाद कहा कि चैंपियनशिप के सबसे महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश करने के साथ ही चीजें वास्तव में रोमांचक होती जा रही हैं। उनसे जब पूछा गया कि विजेता का निर्धारण करने के लिए टाई-ब्रेक से पहले केवल एक बाजी बचे रहने पर वह कैसा महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा,"मैच जितना करीब आता है, उतना ही यह रोमांचक हो जाता है। काफी उत्साहित (14वें गेम को लेकर) हूं लेकिन निश्चित रूप से यह एक महत्वपूर्ण मैच है। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा।"

गुकेश ने कहा,"जैसे जैसे मैच कम होते जा रहे हैं, वैसे ही काफी चीजें दांव पर लगी हैं। मैं एक मुकाबले के लिए आया था, मैं आज तरोताजा महसूस कर रहा था और आत्मविश्वास से भरा था। मेरे पास एक अच्छी योजना भी थी इसलिए मैं खेलने के लिए काफी उत्साहित था।"

लिरेन ने स्वीकार किया कि वह खेल के बाद बहुत थक गये थे। उन्होंने कहा,"पहले तो मैं लंबी बाजी के बाद बहुत थक गया। दूसरे मुझे अगले मैच की रणनीति पर फैसला करने की जरूरत है।"

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