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चंडीगढ़: हरियाणा के पलवल हथीन विधानसभा के गांव चिल्ली में रहस्यमयी बुखार के कारण पिछले 10 दिनों में आठ बच्चे काल के गाल में समा चुके हैं। ग्रामीण हो रही मौतों को डेंगू बुखार के कारण बता रहे है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू बुखार से मौतों की पुष्टि नहीं की है। गांव में बच्चों की हुई मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने गांव की सुध ली है।

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अब गांव में स्वास्थ्य कर्मियों की टीमें घरों में जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं तथा बुखार से पीड़ित लोगों के बच्चों की डेंगू और मलेरिया की जांच की जा रही हैं। इतना ही नहीं बुखार से पीड़ित लोगों की कोविड की भी जांच की जा रही है और उनके सेंपल लिए जा रहे हैं। कहीं वो कोरोना की चपेट में तो नहीं आ रहे है।

बुखार चपेट में गांव के काफी बच्चे आए हुए हैं। इनमें से कुछ बच्चों का इलाज अलग-अलग प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है। उपमंडल के चिल्ली गांव में बुखार का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। गांव के बच्चों के अलावा बड़ों में भी बुखार के मरीज हैं। इतना ही नहीं दस दिनों में आठ बच्चों की मौत बुखार के चलते हो गई।

अंबाला: कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा और पंजाब सरकार एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को किसानों से आग्रह किया कि वे कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के बजाय दिल्ली की सीमाओं या हरियाणा में धरना-प्रदर्शन करें। आंदोलनकारी किसानों के पंजाब से बाहर शिफ्ट होने के अमरिंदर सिंह के बयान पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने निशाना साधा है। विज कहा कि यह ‘‘गैरजिम्मेदाराना'' बयान है। उन्होंने कैप्टन पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया।

अनिल विज ने अपने ट्वीट में कहा, "पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का किसानों को यह कहना की हरियाणा में या दिल्ली में जाकर जो चाहो करो और पंजाब में मत करो बहुत ही गैर जिम्मेदाराना बयान है। इससे यह साबित होता है किसानों को भड़काने का काम अमरिंदर सिंह ने ही किया है।" विज ने कहा, "यह बयान बहुत ही गैरजिम्मेदाराना है। इसका मतलब यह है कि आप (अमरिंदर सिंह) पड़ोसी राज्यों दिल्ली और हरियाणा की शांति भंग करना चाहते हैं।"

चंडीगढ़: 28 अगस्त को बसताड़ा टोल पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज और एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ सख्त कार्रवाई समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच चल रहे टकराव पर विराम लग गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने बताया कि आम सहमति से निर्णय हुआ है कि सरकार 28 अगस्त को हुई घटना की हाईकोर्ट के पूर्व जज से न्यायिक जांच करवाएगी। जांच एक महीने में पूरी होगी। पूर्व एसडीएम आयुष सिन्हा इस दौरान छुट्टी पर रहेंगे। हरियाणा सरकार मृतक किसान सतीश काजल के दो परिजनों को करनाल में डीसी रेट पर सेंक्शन पोस्ट पर नौकरी देगी। इसके बाद किसान नेता गुरनाम सिंह ने करनाल में लाठीचार्ज के मामले पर चल रहे आंदोलन को खत्म करने का एलान कर दिया है। 

इससे पहले शुक्रवार देर रात तक अफसरों और किसानों की बैठक चली। सरकार के निर्देश पर किसानों से बातचीत करने के लिए शुक्रवार को कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) देवेंद्र सिंह करनाल पहुंचे हुए थे। किसानों की ओर से इस बैठक में गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत पंद्रह सदस्यीय कमेटी के किसान नेता शामिल थे।

चंडीगढ़: 28 अगस्त को बसताड़ा टोल पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज और एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ सख्त कार्रवाई समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच चल रहे टकराव पर विराम लग गया है। सूत्रों के अनुसार, सिर फोड़ने की बात करने वाले अधिकारी आयुष सिन्हा छुट्टी पर भेजे जाएंगे। वहीं मामले की जांच रिटायर जज करेंगे। 

अब किसान नेता बैठक के तमाम बिंदू आज ही होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में अन्य किसान नेताओं के समक्ष रखेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक करनाल में दोपहर तीन बजे आयोजित होगी। इस बैठक में अफसरों के साथ हुई बैठक के तमाम बिंदुओं और सरकार के अंतिम निर्णय पर चर्चा की जाएगी और अगला निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले शुक्रवार देर रात तक अफसरों और किसानों की बैठक चली। सरकार के निर्देश पर किसानों से बातचीत करने के लिए शुक्रवार को कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) देवेंद्र सिंह करनाल पहुंचे हुए थे। किसानों की ओर से बैठक में भाकियू हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत पंद्रह सदस्यीय कमेटी के किसान नेता भी शामिल थे।

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