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सिरसा (जनादेश ब्यूरो): किसान नेता राकेश टिकैत ने सिरसा में कहा कि करनाल में हो या कहीं भी किसान शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन को बदनाम करना चाहते हैं। ताकि किसान दिल्ली छोड़ दें। करनाल में साजिश के तहत किसानों पर लाठीचार्ज किया गया। जिस एसडीएम ने लाठीचार्ज करवाया। वह आरएसएस का पहला कमांडर निकला। यह तालिबानी की तरह ही सब अपने कब्जे में लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हिंदु-मुस्लिम व सिख को आपस में लड़वाना चाहती है। उतर प्रदेश में आगे चुनाव के दौरान किसी बड़े हिंदू लीडर की हत्या होगी। केंद्र सरकार निजी कंपनियों को लाभ पहुंचा रही है। जो कंपनी बर्बाद हो जाती है। इसके बाद भी संस्थान निजी कंपनी को सौंप दी जाती है।

मंगलवार को लालबत्ती चौक पर स्थित बाबा नानक का तेरा तेरा यादगारी दवा खाना के उद्धाटन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में किसान नेता राकेश टिकैत मुख्य अतिथि रहे। उद्धाटन समारोह का आयोजन भारतीय किसान एकता के प्रधान लखविंद्र सिंह ओलख की ओर से किया गया।

इस मौके पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि किसान अगर बैंक से कर्ज लेता है, उसकी भूमि नीलाम कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए कानून दिल्ली, चड़ीगढ़ की चमकीली कोठियों में बनते हैं। किसानों को जो हक मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा है। किसानों को 365 दिन की मजदूरी के हिसाब से फसलों के भाव चाहिए।

किसान का रेट नहीं बढ़ता

किसान नेता टिकैत ने कहा कि किसानों की फसलों के रेट नहीं बढ़ते हैं। जब बाजरा खरीदा जाता है तब भाव नहीं मिलता है। अगर यही बाजार में खरीदने बड़ी कंपनी के माल में जाए तो 65 से 70 रुपये प्रतिकिलो आटा मिलता है। यही हाल गेहूं व मक्की के आटा का है। जब किसान की फसल खरीदी जाती है तो भाव गिरा दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में किसानों को जो सेब के रेट मिलने चाहिए। वह नहीं मिल रहे हैं। जो कंपनी खरीद रही है। वह भाव को पहले सस्ता कर देती है।

राकेश टिकैत ने कहा कि हरियाणा सरकार लगातार किसानों पर लाठीचार्ज करवा रही है। जिसे किसान कभी माफ नहीं करेंगे। सरकार को इसका जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में आयोजित होने वाली रैली में किसानों की भीड़ एकत्र होगी। जिससे देख सरकार को ही आने वाले दिनों के बारे में जानकारी मिल जाएगी। अब किसानों की ओर से 'मिशन देश' चलाया जाएगा।

किसानों और सरकार के बीच न पड़ें दुष्यंत
टिकैत ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि दुष्यंत चौटाला सरकार और किसानों के बीच में न पड़ें। दुष्यंत चौटाला अपने काम करते रहें और दिन निकालें। किसानों और सरकार के बीच समझौता करवाने से बचे। वहीं उन्होंने मनोहर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की ओर से पहले से ही प्लानिंग की गई है कि जब तक किसान आंदोलन में 1500 से अधिक किसान नहीं मारे जाते, तब तक कानून वापस नहीं होंगे। जिसके कारण अब तक 600 किसानों की मौत हो चुकी है।

इस मौके पर किसान नेता मैक्स साहुवाला, गुरप्रीत सिंह, मंदीप नथवान, बलदेव सिंह सिरसा, डिंपी पहलवान, डॉ. शो मान, ताई कनेला वाली उपस्थित रहे।

किसान नेता राकेश टिकैत के कार्यक्रम में किसान संगठनों में मतभेद भी देखने को मिला। इससे पहले भी तीनों संगठन अलग अलग कार्यक्रम करते आ रहे हैं। टिकैत की जनसभा में किसान नेता लखबीर सिंह लक्खा गुट के नेता ही मौजूद रहे। वहीं प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा व चढूनी ग्रुप के सदस्य भूपेंद्र सिंह वैदवाला भी दूरी बनाए हुए दिखे।

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