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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लोकसभा में शनिवार को संविधान पर चल रही चर्चा के बीच शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने वीर सावरकर का अपमान करने पर राहुल गांधी को घेरा। उन्होंने सदन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का सावरकर की प्रशंसा करते हुए लिखा गया पत्र दिखाया। शिंदे को बीच में रोकते हुए राहुल गांधी बोलने लिए खड़े हुए तो स्पीकर ने उन्हें रोका। इस पर कांग्रेस सांसद विरोध करते हुए वेल में आ गए। साथ ही सत्तापक्ष और कांग्रेस सांसदों में तीखी बहस हुई।

राहुल गांधी बोले- सावरकर ने ब्रिटिश शासन से मांगी थी माफी 

शिंदे ने इंदिरा गांधी का पत्र पढ़ते हुए कहा कि वीर सावरकर ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ जो साहस दिखाया, उसका हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अपना महत्व है। उन्होंने कहा कि 1980 में इंदिरा गांधी ने सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के सचिव पंडित बाखले को लिखे पत्र में सावरकर की प्रशंसा की थी और उन्हें साहसी बताया था। शिंदे ने सवाल किया कि क्या आपकी दादी इंदिरा गांधी संविधान के खिलाफ थीं? शिंदे ने कहा कि कांग्रेस सावरकर का अपमान करती है, तो उनके सहयोगी शिवसेना (उद्धव) के लोग बताएं, क्या वे इनकी बात मानते हैं।

उन्होंने कहा, कांग्रेस के लोग सावरकर के बारे में अनर्गल बयानबाजी करते हैं, लेकिन हम सावरकर जी और देश के लिए उनके योगदान पर गर्व करते हैं।

इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया और राहुल गांधी जवाब देने के लिए खड़े हो गए। वे शिंदे के बयान पर स्पष्टीकरण की अनुमति देने की मांग करने लगे। आसन से उन्हें शिंदे के बयान के बाद बोलने की अनुमति देने का आश्वासन दिया गया, लेकिन कांग्रेस सांसद तत्काल अनुमति देने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे और आसन के समीप आ गए।

राहुल गांधी बोले- सावरकर ने ब्रिटिश शासन से माफी मांगी थी

कुछ देर हंगामे के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी को बोलने की अनुमति दी। राहुल ने कहा कि जब मैं छोटा था, तो मैंने इंदिरा गांधी जी से सावरकर के बारे में पूछा था तो उन्होंने मुझे बताया था कि सावरकर ने अंग्रेजों से समझौता किया और अंग्रेजों को पत्र लिखकर माफी मांगी। गांधी जी जेल गये, नेहरू जी जेल गए, लेकिन सावरकर ने माफी मांगी थी।

 1984 में सिखों के खिलाफ हिंसा के लिए कांग्रेस जिम्मेदार: शिंदे 

शिंदे ने राहुल गांधी पर सांविधानिक मामलों को छोड़कर हर विषय पर बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने संविधान को छोड़कर हर बारे में बात की है। वह भूल गए कि 1984 में सिखों के खिलाफ हिंसा के लिए कांग्रेस जिम्मेदार थी। 1964 में कांग्रेस के शासन में 1070 सांप्रदायिक दंगे हुए। कारसेवकों पर गोलियां चलाई गईं और 1993 के मुंबई बम धमाके कांग्रेस के ही कार्यकाल में हुए थे। जबकि पिछले 10 सालों में देश में एक भी बम धमाका नहीं हुआ है। इस बीच सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि इंदिरा गांधी ने सावरकर के ट्रस्ट को भी फंड दिया था। कांग्रेस को झूठ फैलाना बंद करना चाहिए। राहुल गांधी कभी सावरकर नहीं हो सकते।

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