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चंडीगढ़ (जनादेश ब्यूरो): पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों के विरोध स्थल से 101 किसानों के जत्थे ने दोपहर 12 बजे दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च शुरू किया। इस दौरान किसानों को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिंग करके उनका रास्ता रोक दिया। जब किसानों ने बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश की तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया।

सरकारी एजेंसियां ​​कर रही हैं आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश: पंढेर

पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर देश के किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। प्रदर्शन के 307वें दिन किसान केंद्र सरकार के साथ बातचीत की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंढेर ने इस मुद्दे से निपटने के सरकार के तरीके सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर चुप रहने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां ​​आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।

अंबाला जिले के 12 गांवों में मोबाइल इंटरनेट निलंबित

शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर किसानों का विरोध मार्च फिर से शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही हरियाणा सरकार ने ‘सार्वजनिक शांति' बनाए रखने के लिए अंबाला जिले के 12 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई एसएमएस भेजने की सेवाओं को निलंबित कर दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुमिता मिश्रा द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह निलंबन 17 दिसंबर तक लागू रहेगा। 

प्रशासन की तरफ से कहा गया, "अंबाला के डंगडेहरी, लेहगढ़, मानकपुर, ददियाना, बड़ी घेल, छोटी घेल, ल्हारसा, कालू माजरा, देवी नगर (हीरा नगर, नरेश विहार), सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू गांवों में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है।"

 

"किसानों को अदालत की बात माननी चाहिए"

हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसानों को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का हवाला देते हुए अस्थायी रूप से अपना विरोध प्रदर्शन रोक देना चाहिए। अनिल विज ने कहा कि शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए कुछ समय मांगा है और सुझाव दिया है कि किसान अपना विरोध प्रदर्शन रोकने पर विचार करें।

क्या हैं किसानों की मांग

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए आंदोलनरत हैं। वे अपनी मांगों के कई बार दिल्ली मार्च के लिए एक 101 किसानों के जत्थे को भेजने की कोशिश कर चुके है, लेकिन हर बार हरियाणा पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें दिल्ली आने से रोक दिया है। आज भी किसानों को शंभू बार्डर से आगे नहीं बढ़ने दिया गया है। किसान नेता लगातार कह रहे है कि केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक बातचीत का कोई न्यौता नहीं मिला है। लिहाजा किसान संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान दिल्ली मार्च के जरिए केंद्र सरकार पर अपने मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने का दबाव बना रहे हैं।

सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर बढ़ने के उनके प्रयासों को रोकने के बाद, किसान 13 फरवरी 2024 से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए है।

हरियाणा की सीमा पर सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है। इससे पहले हरियाणा सरकार ने छह से नौ दिसंबर तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, एक साथ कई एसएमएस भेजने की सेवाएं निलंबित कर दी थीं। शनिवार को जारी एक नए आदेश में मिश्रा ने कहा, ‘‘मुझे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मैं वॉइस कॉल को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं, बल्क एसएमएस और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं को निलंबित करने का आदेश देती हूं।''

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी

इस बीच, खनौरी सीमा पर 18 दिनों से अधिक समय से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत काफी बिगड़ गई है। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने वजन कम होने और अस्थिर ब्लड प्रेशर की सूचना दी है।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को डल्लेवाल के लिए चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा उनका जीवन आंदोलन से ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह सुझाव भी दिया कि किसान विरोध के लिए गांधीवादी तरीके अपनाएं।

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