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चंडीगढ़: किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को करनाल जिले के घरौंडा नई अनाज मंडी में भाकियू, संयुक्त किसान मोर्चा समेत विभिन्न किसान संगठनों की संयुक्त महापंचायत में तीन बड़े फैसले लिए गए। हरियाणा भाकियू (चढूनी) प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि लाठीचार्ज के दोषी एसडीएम और पुलिस अधिकारियों पर छह सितंबर तक मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए। मृतक किसान के परिजनों को 25 लाख और घायलों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। 

नेताओं का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानीं गईं तो सात सितंबर को करनाल अनाज मंडी में राज्य स्तरीय महापंचायत करके लघु सचिवालय का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे। साथ ही तीसरे फैसले के लिए हरियाणा स्तर के किसानों की पंचायत करके यहां के लोगों की भावनाओं से संयुक्त किसान मोर्चा को अवगत कराएंगे।  उन्होंने कहा कि अब सब्र की इंतहा हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा को अब कोई ठोस निर्णय लेना ही होगा। अन्यथा हरियाणा अलग बैठक करके रणनीति तय करेगा।

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार के 2500 दिन पूरे हो चुके हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को चंडीगढ़ में अपनी सरकार का लेखाजोखा पेश किया। वहीं प्रेस क्लब में सीएम की प्रेस वार्ता और किसानों के विरोध को देखते हुए आसपास का क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। किसानों ने इस दौरान खूब नारेबाजी की।

सीएम ने करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज के बारे में कहा कि करनाल एसडीएम के शब्दों का चयन ठीक नहीं था। जो शब्द एसडीएम ने चुने, वह नहीं बोलने चाहिए थे। कानून व्यवस्था बनाए रखना उनका दायित्व था। डीजीपी व प्रशासन अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, रिपोर्ट के आधार पर अगला कदम उठाया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि किसान आंदोलन, हिंसा के पीछे पंजाब सरकार के लोगों का हाथ है। किसान नेता राजेवाल पंजाब सीएम को ऐसे ही लड्डू खिलाते हुए नहीं दिख रहे। उन्होंने कहा कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा किसानों को भड़का रहे हैं लेकिन किसी को भी अनिश्चितकाल के लिए सड़क जाम करने का अधिकार नहीं है।

करनाल: दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे स्थित बसताड़ा टोल प्लाजा पर शनिवार को पुलिस द्वारा किसानों पर किए गए लाठीचार्ज के बाद आज किसान घरौंडा अनाजमंडी में किसान पंचायत कर रहे हैं, जिसमें सैंकडों किसान पहुंच चुके हैं। किसान नेताओं में फिलहाल गुरनाम सिंह चढूनी पहुंचे। जिन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अब हमारे सब्र की इंतहा हो गई है। हरियाणा का किसान अब और लाठी नहीं खाएगा। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा जल्द कोई ठोस निर्णय लें या फिर हरियाणा को माफ नहीं करे। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि किसान नेता राकेश टिकैत आएंगे या नहीं उन्हें कोई पता नहीं है। उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है।

किसान पंचायत में हरियाणा के सभी किसान संगठन भाग ले रहे हैं और अभी बड़ी संख्या में किसान यहां जमा होने हैं। महापंचायत में अब दूसरे राज्यों के किसान भी आने की सूचनाएं मिल रही है, जिसके चलते अब प्रबंध भी बढ़ा दिए गए हैं। बैठक को देखते हुए अब पुलिस-प्रशासन की नजर भी किसानों की आगामी रणनीति पर टिकी है। दूसरी ओर लाठीचार्ज के दौरान घायल पुलिसकर्मियों की ओर से किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।

चंडीगढ़: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसान ने सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का घेराव करने पहुंचे। खट्टर चंडीगढ़ के प्रेस क्लब में प्रेस कान्फ्रेंस करने पहुंचे थे। यह प्रेस कान्फ्रेंस हरियाणा में भाजपा सरकार के 2500 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में रखी गई थी। दरअसल, करनाल में हरियाणा पुलिस के लाठीचार्ज से किसान बेहद नाराज हैं। किसानों ने एक दिन पहले नूंह में पंचायत भी की थी। किसानों पर लाठीचार्ज के बीच एसडीएम का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वो किसानों का सिर फोड़ने की बात कह रहे थे।

गौरतलब है कि करनाल के घरौंदा टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इसमें कई किसान लहूलुहान हो गए थे। इससे नाराज किसानों ने नूंह में महापंचायत कर अपनी ताकत दिखाई थी और सरकार को चेताया था। संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता और कई किसान संगठन कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए थे। महापंचायत में भारतीय किसान संघ भी था। इसमें किसान नेता डॉ दर्शन पाल, राकेश टिकैत और बलबीर सिंह राजेवाल और स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव भी शामिल हैं।

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