चंडीगढ़: करनाल में 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसान संगठनों ने सात सितंबर को मिनी सचिवालय के घेराव का एलान किया है। इससे एक दिन पहले सोमवार को करनाल में धारा 144 लागू कर दी गई। इसके तहत पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एक स्थान पर इकट्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा। किसी भी प्रकार के हथियार लाठी, गंडासी, कुल्हाड़ी, कस्सी, फाला आदि को लेकर चलने पर पाबंदी रहेगी। आदेशों की अवहेलना करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 आईपीसी के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश रविवार से ही लागू हो गए हैं। जोकि सात सितंबर तक लागू रहेंगे।
विज बोले- शांति बनाए रखना किसान नेताओं की जिम्मेदारी
वहीं गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि हम प्रजातांत्रिक देश में रहते हैं और प्रजातांत्रिक देश में किसी को भी आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। हमने पूरी व्यवस्था कर ली है और आम आदमी के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। कुछ रास्तों को डायवर्ट किया गया है।
विज ने कहा कि आंदोलन की आड़ में आम आदमी की स्वतंत्रता को किसी भी तरह का खतरा नहीं होने देंगे। हमने मंगलवार के विरोध को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में करनाल के अंदर पुलिस फोर्स लगाई है। विज ने कहा कि हमने एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नवदीप विर्क की ड्यूटी लगाई है। कल वह घेराव के दौरान करनाल में मौजूद रहेंगे। विज ने कहा कि कोई भी प्रदर्शन करता है तो करे, लेकिन कानून के दायरे में रहकर अपनी बात रखे। शांति बनाए रखने का जिम्मा किसान नेताओं का भी है। वहीं परिवहन मंत्री मूल चन्द शर्मा ने कहा कि करनाल में किसानों ने घेराव की जो चेतावनी दी है, वह राजनीति से प्रेरित है। कई दलों के लोग इस आंदोलन को हवा दे रहे हैं। शर्मा ने कहा कि धरने प्रदर्शन का अधिकार सब को है, लेकिन कोई भी कानून को हाथ में न ले।
हरियाणा पुलिस की एडवाइजरी के अनुसार, मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (अंबाला-दिल्ली) पर करनाल में यातायात बाधित हो सकता है। ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मंगलवार को करनाल से यात्रा करने से बचें या फिर वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें।
इससे पहले हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने सोमवार को कहा कि उनकी मांगें नहीं मानी गई हैं, इसलिए मंगलवार को नई अनाज मंडी में एक बड़ी पंचायत होगी, जिसके बाद किसान मिनी सचिवालय का घेराव करेंगे।